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पानी के लिए मशक्कत करते लोग
– फोटो : अमर उजाला
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शहडोल जिला मुख्यालय से महज आठ किलोमीटर की दूरी में पानी के लिए लोग बड़ी मशक्कत कर रहे हैं। हैंडपंप खराब हो जाने की वजह से दर्जनों शिकायत के बाद भी पीएचई विभाग नहीं सुन रहा है, लोग घरों से पानी के बर्तन के साथ-साथ एक सब्बल भी लाते हैं जिसके सहारे पानी निकाल कर अपना गुजारा कर रहे हैं। सरकार कई योजनाएं बनाती है कि गर्मी में लोगों को पानी के लिए मशक्कत ना करनी पड़े, लेकिन जिला मुख्यालय से सटे गांव जमुई के धरसिंह टोला का एक मामला सामने आया है, जहां पिछले दो माह से हैंडपंप खराब हो गया है, जिसकी शिकायत लोगों ने पीएचई विभाग एवं सीएम हेल्पलाइन में दर्जनों बार की है, लेकिन सुनने वाला कोई नहीं है। जिसकी वजह से लोग अब घरों से बर्तन के साथ-साथ एक लोहे की सब्बल भी लाते हैं और सब्बल के सहारे बोरिंग की चैन पर फंसा कर पानी निकालने को मजबूर हैं।
हैंडपंप पर आश्रित हैं 30 से ज्यादा परिवार
जमुई के धरसिंह टोला में आदिवासी लोग अधिक संख्या में रहते हैं। गुड्डू बैगा ने बताया है कि दो माह पहले से हैंडपंप टूट गया है, पानी निकालने में बड़ी मशक्कत करनी पड़ती है। यहां तक कि मामले की शिकायत पीएचई विभाग को लोगों ने लिखित की है। सीएम हेल्पलाइन में भी कई बार मामले की शिकायत की जा चुकी है, लेकिन अधिकारी सुनने को तैयार नहीं हैं इन्हीं सब वजह से लोग अब घरों के बर्तनों के साथ-साथ अपने घरों से लोहे की सब्बल या रॉड लेकर हैंडपंप पहुंचते हैं और हैंडपंप में सब्बल को चैन में फंसा कर पानी निकालने का जुगाड़ ग्रामीणों ने निकाला है। लोग किसी तरह पानी तो निकाल ले रहे हैं, लेकिन पानी के लिए जद्दोजहद जारी है।
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