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सांकेतिक तस्वीर
– फोटो : सोशल मीडिया
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दो वेतन वृद्धि प्रदान करने के बाद रिकवरी आदेश जारी किए जाने को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। हाईकोर्ट जस्टिस संजय द्विवेदी की एकलपीठ ने राज्य सरकार के आदेश को आयुक्त लोक शिक्षण द्वारा संशोधित किए जाने को अवैधानिक मना है। एकलपीठ ने याचिकाकर्ता शिक्षक को दो वेतन वृद्धि का लाभ दिए जाने के आदेश जारी करते हुए याचिका का निराकरण कर दिया।
बता दें कि याचिकाकर्ता सुधीर कुमार निगम की तरफ से दायर की गई याचिका में कहा गया था कि राज्य सरकार ने साल 2003 में राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त करने वाले शिक्षकों को दो वेतन वृद्धि प्रदान करने के आदेश जारी किए थे। राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त करने के कारण उसे दो वेतन वृद्धि प्रदान की गई थी। विभाग द्वारा सितंबर 2018 को दो वेतन वृद्धि दिए जाने को गलत मानते हुए रिकवरी के आदेश जारी कर दिए गए। याचिका की सुनवाई के दौरान अनावेदकों की तरफ से बताया गया कि राज्य सरकार के उक्त आदेश को आयुक्त लोक शक्षण ने संशोधित कर दिया था। राज्य सरकार का उक्त आदेश सिर्फ 2003 के लिए कर दिया गया था। याचिकाकर्ता की तरफ से तर्क किया गया कि राज्य सरकार के आदेश को संशोधित करने का अधिकार आयुक्त नहीं रखते हैं। याचिका की सुनवाई के बाद एकलपीठ ने रिकवरी आदेश को निरस्त करते हुए याचिकाकर्ता को राहत प्रदान की है।
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