Home मध्यप्रदेश तालाब, हैंडपंप के पानी के साथ मिनरल वाटर और शराब की बोतल...

तालाब, हैंडपंप के पानी के साथ मिनरल वाटर और शराब की बोतल दी, बोले- चारों की शुद्धता की जांच करवाएं | Pond, gave mineral water and liquor bottle along with handpump water, said – get the purity of all four checked

33
0

[ad_1]

  • Hindi News
  • Local
  • Mp
  • Betul
  • Pond, Gave Mineral Water And Liquor Bottle Along With Handpump Water, Said – Get The Purity Of All Four Checked

बैतूल34 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक

बैतूल में कलेक्टर की जनसुनवाई में मंगलवार को एक अजीबो गरीब मामला सामने आया। जनसुनवाई में पहुंचे समाजसेवियों ने सुनवाई कर रहे अपर कलेक्टर के सामने शराब की बोतलें रख दीं। शराब के साथ ही गंदे पानी से भरी बोतलें भी रख दीं। इन बोतलों में नदी और हैंडपंप का पानी भरा हुआ था। इन बोतलों को रखते हुए बोले- ये सैंपल हैं, इनकी जांच करवाएं। समाजसेवियों ने गंदे पानी के साथ शराब और मिनिरल वाटर के सैंपल लेने की भी गुहार लगाई है। उनका कहना था कि ताकि हमें पता चले कि सरकार को पानी की चिंता है या शराब की।

बैतूल में पर्यावरण संरक्षण के लिए 75 कदम की ओर अभियान चला रहे समाजसेवी हेमंत चंद्र दुबे, रमेश भाटिया, इन्दी मंगलवार को कलेक्ट्रेट पहुंचे। यहां लोगों की गुहार सुन रहे अपर कलेक्टर श्यामेंद्र जैसवाल को शराब, सादा पानी, और मिनरल वाटर की बोतलें सौंपी। इसके साथ ही एक आवेदन भी सौंपा। उन्होंने कलेक्टर से मांग की, कि वे सौंपे गए चारों नमूनों की जांच प्रयोगशाला में करवाएं। आवेदन में बताया गया कि माचना नदी को जलकुंभी से मुक्त कराने की मांग लंबे समय से उठाई जाती रही है, लेकिन इस पर प्रशासन कोई ध्यान नहीं दे रहा है। समय-सीमा के भीतर नदी की सफाई कर जलकुंभी से मुक्त किया जाए।

समाजसेवी बबलू दुबे ने बताया कि उन्होंने माचना नदी के जीवन और अस्तित्व को लेकर चार सैंपल जिला प्रशासन को सौंपे हैं।

समाजसेवी बबलू दुबे ने बताया कि उन्होंने माचना नदी के जीवन और अस्तित्व को लेकर चार सैंपल जिला प्रशासन को सौंपे हैं।

इसलिए सौंपी शराब

समाजसेवी बबलू दुबे ने बताया कि उन्होंने माचना नदी के जीवन और अस्तित्व को लेकर चार सैंपल जिला प्रशासन को सौंपे हैं, जिनमें करबला घाट का माचना का पानी, जयप्रकाश वार्ड के हैंडपंप का पानी, मिनरल वाटर और शराब की बोतल। यह चारों सैंपल इसलिए सौंपे गए ताकि प्रशासन बताए कि इन चारों में शुद्धता के सबसे निकट कौन सा तरल है। देखने से ही लग रहा है की माचना का पानी पीने लायक तो क्या हाथ थोने लायक तक भी नहीं है। इस पानी में तो मछलियां तक दम तोड़ चुकी हैं।

उनका कहना है कि मिनरल वाटर और शराब को सैंपल के रूप में इसलिए जोड़ा गया ताकि यह पता चल सके कि सरकार जिससे राजस्व कमाती है, उसकी चिंता ज्यादा करती है या जिससे राजस्व नहीं मिलता उसकी। क्योंकि आप इनसान के लिए वह कितनी चिंतित है, इसका भी हमें पता चल जाएगा। तुलनात्मक अध्ययन के लिए ही चारों सैंपल सौंपे गए हैं।

अपर कलेक्टर बोले नही लेंगे शराब

समजसेवियों ने अपर कलेक्टर को शराब समेत चारों सैंपल सौंपे तो उन्होंने पीएचई के अधिकारियों को बुलाकर आवश्यक निर्देश देते हुए, सैंपल की जांच के निर्देश दिए। इसी दौरान शराब का सैंपल स्वीकार करने से मना कर दिया। बाकी सैंपल के लिए भी पीएचई विभाग ने कहा कि वे इसकी जांच तो करेंगे, लेकिन प्रक्रिया के तहत सैंपल वे खुद करते हैं।

माचना का पानी, जयप्रकाश वार्ड के हैंडपंप का पानी, मिनरल वाटर और शराब की बोतल सौंपी।

माचना का पानी, जयप्रकाश वार्ड के हैंडपंप का पानी, मिनरल वाटर और शराब की बोतल सौंपी।

[ad_2]

Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here