[ad_1]
शाजापुर (उज्जैन)18 मिनट पहले
- कॉपी लिंक

शाजापुर जिला मुख्यालय पर शुरू किए गए जैविक साप्ताहिक हाट बाजार में उत्पादन और ग्राहकों की कमी के कारण किसान सब्जी लेकर नहीं आ रहे। इस खबर को दैनिक भास्कर ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था। खबर का एक बार फिर से असर हुआ। जैविक सब्जियों को बढ़ावा देने और किसानों को इसके उत्पादन के लिए प्रोत्साहित करने के लिए कलेक्टर किशोर कुमार कन्याल रविवार को टंकी चौराहे पर स्थित साप्ताहिक जैविक हाट बाजार में पहुंचे, और वहां सब्जी बेचकर फायदे बताएं। शुरूआती दौर में जहां जैविक हाट बाजार में दो दर्जन दुकानें लगती थीं वहीं इसका आंकड़ा घटकर पिछले रविवार को एक ही रह गया था। दैनिक भास्कर की खबर के बाद आज तीन किसानों ने जैविक सब्जियों की दुकान लगाई और कलेक्टर ने वहां सब्जियों बेची।
गौरतलब है कि गत 22 जनवरी 2023 को शाजापुर टंकी चौराहा स्थित पुरानी मंडी में तत्कालीन कलेक्टर दिनेश जैन ने स्वस्थ्य भारत, समृद्ध भारत एवं आत्म निर्भर भारत के लिए जैविक फसलों के बाजार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से जैविक हाट बाजार का शुभारंभ किया गया था। जैविक हाट बाजार शुरू होने पर करीब 24 किसानों ने जैविक फल, सब्जी और दालों की दुकानें लगाई थी। लेकिन, ग्राहकों की कमी और बाजार में कम फल, सब्जी के कारण बाजार में दुकानों की संख्या निरंतर घटती चली गई।
कलेक्टर किशोर कुमार कन्याल ने बताया जैविक सब्जियां और फल स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं। अगले सप्ताह एक वर्कशॉप का भी आयोजन किया जाएगा जिसमें विशेषज्ञों को बुलाकर जैविक सब्जियों से होने वाले फायदों को बताया जाएगा। जिले में जैविक खेती को बढ़ावा देने के प्रयास किए जाएंगे। हमारा शाजापुर जैविक शाजापुर बनें।
जैविक सब्जियों के मुकाबले सामान्य बाजार में बिकने वाले सब्जियां दस से पंद्रह रुपये किलो के कम दाम पर मिल रही हैं। जैविक हाट बाजार में जैविक गिलकी के दाम जहां 40 रुपए किलो हैं तो वहीं रासायनिक गिलकी 25 से 30 रुपए किलो के दाम दाम पर मिल रही है। हर सब्जी के दाम यहां ज्यादा है। किसान को भी जैविक सब्जियां पैदा करने में ज्यादा लागत आती है और ज्यादा दाम पर सब्जियां बिकती नहीं है।
[ad_2]
Source link

