Home मध्यप्रदेश मणिपुर से इंदौर लौटे स्टूडेट्स ने सुनाई आपबीती; बोले-ठीक से खाना तक...

मणिपुर से इंदौर लौटे स्टूडेट्स ने सुनाई आपबीती; बोले-ठीक से खाना तक नहीं मिला | Students who returned from Manipur to Indore narrated their ordeal; Said – didn’t even get food properly

39
0

[ad_1]

  • Hindi News
  • Local
  • Mp
  • Indore
  • Students Who Returned From Manipur To Indore Narrated Their Ordeal; Said Didn’t Even Get Food Properly

इंदौर26 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक

मणिपुर में हिंसा के बीच फंसे मध्यप्रदेश के 24 स्टूडेंट्स को बुधवार रात सुरक्षित इंदौर लाया गया। सभी पहले इंफाल से कोलकाता और फिर वहां से इंदौर पहुंचे। ये सभी स्टूडेंट मणिपुर में एनआईटी, ट्रिपल आईटी, स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी और एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर रहे हैं, लेकिन वहां के बिगड़े हालात की वजह से इन्हें परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। ये अपने हॉस्टल में कैद होकर रह गए थे।

इन स्टूडेंट्स में इंदौर के तीन, भोपाल का एक और 16 जिलों के एक-एक स्टूडेंट्स शामिल हैं। इंदौर एयरपोर्ट पर इन्हें लेने इनके परिजन पहुंचे थे। इन छात्रों ने यहां आने के बाद वहां के हालात और आपबीती सुनाई।

मणिपुर में फंसे एमपी के 24 स्टूडेंट बुधवार रात को सकुशल इंदौर लौट आए।

मणिपुर में फंसे एमपी के 24 स्टूडेंट बुधवार रात को सकुशल इंदौर लौट आए।

गोलियों की आवाज गूंज रही थी, हम तीन रात से सो नहीं पाए

इंदौर की रहने वाली डॉ. फौजिया मुलतानी एमबीबीएस के बाद इंफाल में पीजी (एमएस) कर रही है। उन्होंने बताया – ‘वहां बहुत बुरे हालात थे। पहली 3 रात तो हम लोग सो नहीं पाए थे। बंदूकों की आवाज आती रहती थी। अस्पताल में भी गन शॉट इंज्यूरी आती रहती थी। कर्फ्यू लगने के बाद खाना-पीना सब बंद हो गया था। मैं लेडीज हॉस्टल में रहती थी। वहां पर खाने-पीने को लेकर कुछ भी प्रोवाइड नहीं कराया गया था।

जैसे ही कर्फ्यू लगा सब कुछ शटडाउन हो गया था। इंडियन आर्मी जब वहां पर डिपलॉय की गई थी, तो शाम को वो लोग फूड डिस्ट्रीब्यूट करते थे, लेकिन कॉलेज हॉस्टल में तो वो भी हम लोगों को नहीं मिल पाता था। 3 दिन लगातार नूडल्स खाकर सर्वाइव किया। उसके बाद हमने मेडिकल सुप्रीटेंडेंट को कम्प्लेन की। लेकिन वो भी हेल्पलेस थी।

3 मई को ही मैंने पेरेंट्स को फोन कर वहां के हालात बताए थे। हमें भी नहीं मालूम था कि इतना सब कुछ हो जाएगा। घर वाले कह रहे थे कि कैसे भी करके वापस आ जाओ, लेकिन पॉसिबल नहीं था। फ्लाइट के टिकट भी बहुत ज्यादा महंगे हो गए थे, जिन्हें अफोर्ड कर पाना मुश्किल था। इसलिए सरकार से ही मदद का इंतजार कर रहे थे।’

इंफाल में पीजी (एमएस) कर रही इंदौर की रहने वाली डॉ. फौजिया मुलतानी ने लौटने के बाद मणिपुर के हालात और आपबीती बयां की।

इंफाल में पीजी (एमएस) कर रही इंदौर की रहने वाली डॉ. फौजिया मुलतानी ने लौटने के बाद मणिपुर के हालात और आपबीती बयां की।

बेटा सकुशल आ गया, बहुत खुश हूं

इंदौर की डॉ. गीतांजलि कुंटे का बेटा कर्ण इंफाल में नेशनल स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी में पढ़ता है। जब वह इंदौर पहुंचा तो मां उसे लेने एयरपोर्ट पहुंची। उन्होंने बताया कि ‘चार या पांच मई को बेटे ने बताया कि कैंपस में हॉस्टल के पीछे एक लेक है, उसके पीछे फायरिंग हो रही थी, 3 ब्लास्ट हुए थे। इन्हें कहा गया था कि ब्लैक आउट करके रहो, कोई भी लाइट नहीं चलाएगा। दूसरे दिन वहां का वाई-फाई बंद हो गया था। तीसरे दिन कहा गया कि कमरे से बाहर नहीं आना है। हॉस्टल के आसपास पूरे समय आर्मी थी। अब बेटा वहां से सकुशल वापस आ गया है। बहुत खुश हूं।’

इंफाल में नेशनल स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाला बेटा कर्ण जब इंदौर लौटा, तो मां डॉ. गीतांजलि ने एयरपोर्ट पर ही उसका माथा चूम लिया। उसके सकुशल लौटने पर खुशी जताई।

इंफाल में नेशनल स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाला बेटा कर्ण जब इंदौर लौटा, तो मां डॉ. गीतांजलि ने एयरपोर्ट पर ही उसका माथा चूम लिया। उसके सकुशल लौटने पर खुशी जताई।

आसपास आगजनी हो रही थी, तो मन में थोड़ी दहशत थी

धार के धामनोद के रहने वाले नंदकिशोर यादव इंफाल में रहकर बीएससी एग्रीकल्चर की पढ़ाई कर रहे हैं। नंदकिशोर ने बताया ‘अभी इंफाल में हालात काफी कंट्रोल में है। चुड़ाचांदपुर जिले में हालात पर काबू पाने की कोशिश की जा रही है। मैं कैंपस में था, तो वहां तो कोई नुकसान नहीं हुआ है, लेकिन बाहर सब बंद था। आसपास आगजनी हो रही थी तो मन में थोड़ी दहशत थी, क्योंकि ऐसा पहले कभी नहीं देखा था।

घर वालों को शुरुआती दिनों में मैंने कुछ नहीं बताया, ताकि उन्हें चिंता नहीं हो, लेकिन जब न्यूज में आ गया तो उन्हें पता चल गया और फिर उन्हें सब कुछ बताया। उन्हें कहा कि यहां हम ठीक है, परेशान होने की जरुरत नहीं है। शासन से कॉन्टैक्ट कर घर आने की कोशिश कर रहे हैं।

धार के धामनोद के रहने वाले नंदकिशोर यादव इंफाल में रहकर बीएससी एग्रीकल्चर की पढ़ाई कर रहे हैं। वह भी अन्य स्टूडेंट्स के साथ इंदौर पहुंचे।

धार के धामनोद के रहने वाले नंदकिशोर यादव इंफाल में रहकर बीएससी एग्रीकल्चर की पढ़ाई कर रहे हैं। वह भी अन्य स्टूडेंट्स के साथ इंदौर पहुंचे।

हिंसा के चलते हम कैंपस में ही कैद रहे, ठीक से खाना भी नहीं मिला

इंफाल से ही इंदौर आए छात्र अक्षय ने बताया कि हम मणिपुर में हिंसा शुरू होने के बाद कैंपस में ही कैद रहे। आखिरी के दिनों में तो हमें खाना भी ठीक से नसीब नहीं हो रहा था। अक्षय को एयरपोर्ट पर लेने के लिए मंगेतर शैली गुप्ता और बहन हिमांगिनी गुप्ता आईं थी। दोनों ने बताया कि हिंसा शुरू होने के बाद ही पूरा परिवार परेशान था।

छात्र अक्षय को इंदौर एयरपोर्ट पर लेने उनकी मंगेतर शैली गुप्ता और बहन हिमांगिनी गुप्ता आईं थी।

छात्र अक्षय को इंदौर एयरपोर्ट पर लेने उनकी मंगेतर शैली गुप्ता और बहन हिमांगिनी गुप्ता आईं थी।

मणिपुर में क्यों हो रही हिंसा?

मणिपुर में मैतेई ट्राइब यूनियन पिछले एक दशक से मैतेई को आदिवासी दर्जा देने की मांग कर रही है। इसी सिलसिले में उन्होंने मणिपुर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इस पर सुनवाई करते हुए मणिपुर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से 19 अप्रैल को 10 साल पुरानी केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्रालय की सिफारिश प्रस्तुत करने के लिए कहा था। इस सिफारिश में मैतेई समुदाय को जनजाति का दर्जा देने के लिए कहा गया है। इससे आदिवासी भड़क गए। मैतेई और आदिवासियों के बीच हिंसक झड़पें शुरू हो गईं।

विवाद से जुड़ी यह खबर भी पढ़िए…

हिंदू मैतेई चाहते हैं ST दर्जा, भड़के ईसाई आदिवासी

5 मई को मणिपुर के चुरचांदपुर में CRPF के एक कोबरा कमांडो चोनखोलेन की गोली मारकर हत्या कर दी गई। वो छुट्टी पर अपने गांव में थे। इसी दिन इम्फाल में ड्यूटी पर तैनात टैक्स असिस्टेंट लेतमिनथांग को मार दिया गया। मारकाट का ये सिलसिला पिछले 3 दिनों से जारी है। अब तक 54 लोगों की मौत हो चुकी है और 100 से ज्यादा घायल हैं। 23 हजार से ज्यादा लोगों को रेस्क्यू किया गया है। पढ़िए पूरी खबर

खबरें और भी हैं…

[ad_2]

Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here