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बुरहानपुर (म.प्र.)25 मिनट पहले
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बुरहानपुर के तत्कालीन वन मंडल अधिकारी प्रदीप मिश्रा ने अपने ट्रांसफर के बाद जाते-जाते जनवरी के अंतिम सप्ताह में 18 गोंद के लाइसेंस जारी किए थे। इसकी शिकायत सामने आई है जिसमें कहा गया है कि लेनदेन भी हुआ है। उसकी जांच करने आज यहां आए हैं। जांच कर इसकी रिपोर्ट मुख्यालय को भेजी जाएगी।
यह बात मीडिया से चर्चा में खंडवा सीसीएफ आरपी राय ने बुधवार दोपहर 1 बजे वन मंडलाधिकारी कार्यालय में कही। वह यहां शिकायत की जांच करने पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि जनवरी के अंतिम सप्ताह में तत्कालीन डीएफओ ने गोंद के व्यापारियों को लाइसेंस जारी किए थे।
शुरुआती जांच में पता चला है कि पेसा एक्ट का भी पालन यहां नहीं किया गया है। लाइसेंस जारी करने में रिश्वत का लेनदेन किए जाने के आरोप भी लगे हैं। बताया गया है कि बिना अनापत्ति के लाइसेंस दे दिए गए है। इसलिए जांच के लिए यहां पहुंचे। जांच के बाद इसकी रिपोर्ट मुख्यालय को भेजी जाएगी। वहां से आगे की कार्रवाई होगी।
अभिमत बुलाया गया, सत्यापन के बाद दिया लाइसेंस
लाइसेंसी व्यापारी श्रवण राठौर ने बताया कि किसी प्रकार का कोई लेनदेन नहीं हुआ, सत्यापन किया गया है। इसके बाद ही अभिमत बुलाया गया, किसने आरोप लगाए हैं यह पता नहीं। वहीं, वन अफसरों ने मामले की जांच की बात कही है। इधर, तत्कालीन डीएफओ प्रदीप मिश्रा ने कहा जो भी लाइसेंस जारी किए गए थे वह नियमानुसार जारी किए गए थे। कहीं भी कोई गलत लाइसेंस जारी नहीं किया गया है।
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