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- Former Minister Deepak Joshi Said By Climbing On JCB, Said – If You Do Not Vote, You Are Taking Unilateral Action
देवास30 मिनट पहले
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देवास जिले में अतिक्रमण हटाने पहुंचे प्रशासनिक अमले को पूर्व मंत्री का विरोध झेलना पड़ा। दरअसल, हाटपीपल्या विधानसभा के गांव कैलोद में शुक्रवार को प्रशासनिक अमला गुमठियों का अतिक्रमण हटाने पहुंचा था। जैसे ही अमला पहुंचा वहां पूर्व मंत्री दीपक जोशी और युवा किसान संगठन के अध्यक्ष रविंद्र चौधरी कार्यकर्ताओं के साथ पहुंच गए। वे कार्रवाई का विरोध करने लगे। इस दौरान पूर्व मंत्री दीपक जोशी पहले जेसीबी के सामने खड़े हो गए, फिर जेसीबी पर बैठकर कार्यकर्ताओं के साथ नारेबाजी। इस दौरान उन्होंने कहा कि ‘गांव के सरंपच को वोट नहीं दिया तो यह एकपक्षीय कार्रवाई की जा रही है।’ हालांकि, गुमटी हटाने का विरोध होने के बावजूद प्रशासन ने गुमटिया हटा दी। इस दौरान गांव के लोग काफी संख्या में एकत्रित हो गए थे। कोई विवादित स्थिति निर्मित न हो इसके लिए बरोठा थाना प्रभारी शैलेंद्र चौधरी सहित थाने का बल भी मौके पर मौजूद था।

गुमठी हटाने की कार्रवाई करने पहुंची जेसीबी के सामने पूर्व मंत्री दीपक जोशी और कार्यकर्ता बैठ गए। इस दौरान उन्होंने जमकर नारेबाजी की।
विधायक मनोज चौधरी का गृह गांव है कैलोद
कैलोद में जहां अमला कार्रवाई करने पहुंचा था यह गांव हाटपीपल्या विधायक मनोज चौधरी का गृह गांव है। यहां गणेश चौक पर स्थित करीब 20 वर्षों से चार गुमटी से गांव के कुछ लोगों का रोजगार चल रहा है। कुछ दिनों पूर्व क्षेत्र के सरपंच ने इन्हें चौक से हटाने के लिए आवेदन दिया था। 2 लोगों ने पहले ही अपनी गुमटी हटा ली लेकिन दो लोग जब गुमटी नहीं हटा पाए तो प्रशासनिक अमला उन्हें हटाने पहुंचा था।

गुमठी चलाने वाले मुकेश चौधरी ने बताया कि मैं गांव कैलोद का निवासी हूं। मेरी दुकान शासकीय हाई स्कूल से करीब 300 मीटर दूर रखी हुई है।
राजनीतिक दबाव के कारण हटाई जा रही दुकान: मुकेश चौधरी
मामले में गुमठी चलाने वाले मुकेश चौधरी ने बताया कि मैं गांव कैलोद का निवासी हूं। मेरी दुकान शासकीय हाई स्कूल से करीब 300 मीटर दूर रखी हुई है। जिससे मेरा रोजगार चलता है। मेरी स्टेशनरी और पंचर की दूकान है। लेकिन राजनीतिक दबाव के कारण सरपंच पति श्यामलाल चौधरी मुझे कहते है कि तुने मुझे वोट दिए हैं क्या? मैं तेरी दुकान हटवा दूंगा। वे अवैध अतिक्रमण का नोटिस देकर मुझे बार-बार परेशान कर रहे हैं। मेरी दुकान हटा दी गई तो मेरी भीख मांगने की नौबत आ जाएगी। ऐसे में मुझे गोली ही मार दो, जिससे लोगों के सामने मेरी बेइज्जती न हो। मैं शासन-प्रशासन से निवेदन करता हूं कि पूरे गांव में अवैध अतिक्रमण है। उसे हटाएं। लेकिन, वहां किसी से दिक्कत नहीं है। सिर्फ मुझसे दिक्कत है। ऐसा मैने क्या किया। राजनीति एक विचारधारा की है। आरोप प्रत्यारोप की रहती है लेकिन व्यक्तिगत राजनीति के चलते मेरे पर गुमठी हटाने का दबाव बनाया गया है।

पूर्व मंत्री के गांव पहुंचने पर बड़ी संख्या में कार्यकर्ता जमा हो गए और नारेबाजी करने लगे।
वह जनसंघ के जमाने से हमारा कार्यकर्ता: दीपक जोशी
मामले में पूर्व मंत्री दीपक जोशी ने कहा कि शुक्रवार को कैलोद गांव में कैलोद का एक नौजवान जो दिव्यांग है। जिसके पिता जनसंघ के जमाने से हमारे कार्यकर्ता रहे हैं। वह गांव में चाय की गुमटी लगाकर अपना रोजगार संचालित करता है। वह सिर्फ 2 बीघा जमीन का किसान है। जिसके कारण परिवार के पालन पोषण के लिए उसने गुमटी लगा रखी है। लेकिन पंचायत चुनाव के दौरान उन्होंने जो वर्तमान सरंपच है उन्हें वोट नहीं दिया था। जिस कारण से क्षेत्र के जनप्रतिनिधि जो बाहुबली भी है। भू-माफिया भी है। उनके कामों को जनता अच्छी तरह जानती है। उनके माध्यम से दबाव बनाया जा रहा है कि इस गुमटी को हटाया जाए। मुकेश का कहना है कि गुमटी हटाने से पहले उसे विस्थापित किया जाए, नियम भी यही है। अतिक्रमण के हम भी समर्थन में नहीं है। एक जिम्मेदार नागरिक और जनप्रतिनिधि होने के नाते मैं यहां आया हूं। हम सब लोगों का प्रशासन से यही कहना है कि विस्थापन कर दिया जाए उसके बाद गुमटी हटाई जाए।
शिकायत के बाद की गई कार्रवाई: सरपंच प्रतिनिधि
क्षेत्र के संरपच प्रतिनिधि श्यामलाल चौधरी ने बताया कि गांव की सरपंच राजू चौधरी को स्कूली छात्राओं से लगातार शिकायत मिल रही थी। इन गुमटियों में अवैध रुप से शराब बिक्री होती है। जिसके कारण आए दिन शराब पीने वाले लोग छात्राओं और गांव की अन्य महिलाओं के साथ छेड़छाड़ करते हैं। जिसके चलते 3 बार गुमटी हटाने के लिए नोटिस दिए गए। उसके बाद शुक्रवार को इन्हें हटाने की कार्रवाई की गई है। कुछ लोग यहां राजनीति करने पहुंचे थे। उन्होंने कार्रवाई न करने के लिए धरना प्रदर्शन किया।
गुमठी बिल्कुल साइड में है: किसान नेता
रविन्द्र चौधरी युवा किसान संघ अध्यक्ष ने कहा कि हम सब लोग कैलोद गांव में एकत्रित हुए हैं। इसका मुख्य कारण यह है कि जिस तरीके से हमारे किसान परिवार के साथी जो चाय की गुमटी लगाकर अपने परिवार पालन पोषण करते है जो शारीरिक रुप से दिव्यांग श्रेणी में भी आते हैं। यह गुमटी बिल्कुल साइड में है। यहां स्थानीय लोगों को इससे कोई परेशानी नहीं है। लेकिन यहां के जो सरपंच वोट की राजनीति करते हुए एक पक्षीय कार्रवाई कर रही हैं। मुकेश चौधरी को दो तीन बार नोटिस दिए गए। उसका इन्होंने जवाब दिया। जिसमें इन्होंने कहा कि मेरी इस दुकान से कोई समास्या है तो मुझे पंचायत कोटे से दुकानें बना रहे हो वहां मुझे विस्थापित कर दें।
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