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उज्जैन में मच्छरों से परेशान हुए लोग
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
उज्जैन में इन दिनों हर इलाके में मच्छरों की संख्या में इतना इजाफा हो गया है कि घरों के अंदर और बाहर बैठना तक दूभर है, लेकिन इनके रोकथाम के लिए नगर निगम की ओर से कोई सुध नहीं ली जा रही हैं। शहर मेंं मच्छरों का प्रकोप इतना अधिक हो गया है कि शाम होते ही मच्छर डंक मारने लगते हैं। सिर्फ मोहल्लों और कॉलोनियों में ही नहीं अस्पतालों में भी मच्छर मरीजों को परेशान कर रहे हैं।
तीन में से दो फॉगिंग मशीनें बंद
नगर निगम की सीमा में मच्छरों के प्रकोप को नियंत्रित करने की जिम्मेदारी नगर निगम स्वास्थ्य विभाग की होती हैं। इसके लिए फॉगिंग मशीन चलाई जाती है। निगम रिकॉर्ड के अनुसार शहर के 54 वार्डों में दवा छिड़काव के लिए नगर निगम के पास केवल तीन फॉगिंग मशीन हैं, जिसमें से केवल एक मशीन ही चालू हालत में है, शेष दो मशीनें धूल खा रही हैं।
कंट्रोल रूम में आ रही रोजाना 20 शिकायतें
नगर निगम कंट्रोल रूम में रोजाना 20-25 शिकायतें मच्छर के प्रकोप से परेशान लोग कर रहे हैं। लेकिन नगर निगम की टीम शहरवासियों को मच्छरों के डंक से बचाने के लिए न तो फॉगिंग मशीन का उपयोग कर रही है और ना ही उनका विनिष्टीकरण किया जा रहा है। शहर के पॉश इलाके हो या फिर निचली बस्तियां हर कोई मच्छरों के प्रकोप से परेशान है। जब कि इस बारे में नगर निगम उपायुक्त संजेश गुप्ता मच्छरों के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए, जल्द ही नगर निगम सीमा में फॉगिंग मशीन चलाने के साथ दवा का छिड़काव करने की बात कहते नजर आ रहे हैं।
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