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Mp News:शिवराज बोले- लाडली लक्ष्मी बेटियों को 21 वर्ष के बाद विवाह तक एक हजार रुपए मिलेंगे – Mp News: Shivraj Said – Ladli Lakshmi Daughters Will Get One Thousand Rupees Till Marriage After 21 Years

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सीएम शिवराज सिंह चौहान

सीएम शिवराज सिंह चौहान
– फोटो : अमर उजाला

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मध्य प्रदेश में राजनीतिक दल चुनाव से पहले महिला वोटरों को साधने में जुट गए है। भारतीय जनता पार्टी लाडली बहना योजना में महिला वोटरों में अपनी पैठ मजबूत कर रही है। अब सीएम ने लाडली लक्ष्मी योजना की बेटियों के लिए बड़ी बात कहीं है। गुरुवार को रामनवमी पर जनजातीय संग्रहालय प्रांगण में महिला सरपंच, खिलाड़ी, पुलिस अधिकारी, चिकित्सक, स्व-सहायता समूह की दीदी और छात्रा से महिला सशक्तिकरण के विभिन्न आयाम पर शिव शक्ति संवाद किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि लाडली लक्ष्मी बेटियों को 21 वर्ष के पश्चात उनके विवाह तक 1000 रुपए प्रति माह देने की योजना पर विचार कर रहे है। सीएम ने कहा कि लाडली लक्ष्मी बेटी को कोई कमी नहीं होने दी जाएगी।

बता दें लाडली लक्ष्मी योजना में बेटी के जन्म लेने से 21 वर्ष तक के लिए है। वहीं लाडली बहना योजना 23 वर्ष से 60 वर्ष तक की विवाहित महिलाओं के लिए है। मुख्यमंत्री कार्यक्रम में कहा कि आज महिला सरपंच, खिलाड़ी, पुलिस अधिकारी, डॉक्टर, लाड़ली लक्ष्मी बेटी और विद्यार्थी वर्ग से बातचीत कर प्रसन्न हूं। समाज बेटियों के बिना विकास नहीं कर सकता। बेटियों और बहनों के सशक्तिकरण के लिए मध्यप्रदेश में विभिन्न योजनाएं लागू की गई हैं। इन योजनाओं के क्रियान्वयन से समाज को यह संदेश मिलता है कि बेटियां कितनी महत्वपूर्ण हैं।

जहां स्थानीय निकायों में 50 प्रतिशत से अधिक स्थानों पर बहनें आई हैं, वहीं पुलिस में उनकी भर्ती से महिला सशक्तिकरण का कार्य आसान हो रहा है। शिक्षकों के पदों पर भी वे बेहतर ढंग से कर्त्तव्य निभा रही हैं। बहनों के स्व-सहायता समूह अच्छा कार्य कर रहे हैं। खिलौने के निर्माण, यूनिफार्म तैयार करने, विद्युत देयकों की वसूली, नल-जल योजना के संचालन जैसे कार्य बहनें कर रही हैं। धान और गेहूँ की प्रोसेसिंग के क्षेत्र में भी महिलाएँ आगे आ रही हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बहनों को अक्सर कुछ परिस्थितियों में अवकाश की आवश्यकता होती है। इसके दृष्टिगत हमने महिला कर्मियों के लिए अतिरिक्त 7 दिन के अवकाश का प्रावधान किया है। हमारा कर्त्तव्य है कि ऐसी व्यवस्था हो जिससे बहनों को विवश और लाचार न होना पड़े, वे अबला नहीं सबला बने। मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज, माताओं और बहनों का ऋणी है। वे सृष्टि का निर्माण करती हैं। उनका ऋण ऐसी योजनाओं के क्रियान्वयन से उतार सकते हैं।

 

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