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रीवा2 घंटे पहले
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रीवा सेंट्रल जेल के बाहर खड़ा कलेक्टर का वाहन।
केंद्रीय जेल उज्जैन में 15 करोड़ के गबन के जांच की आंच रीवा सेंट्रल जेल तक पहुंच गई है। यहां शनिवार की शाम 5 बजे कलेक्टर मनोज पुष्प व एसपी नवनीत भसीन एक दर्जन अफसरों के साथ रीवा केंद्रीय जेल का औचक निरीक्षण किया है। मौका मुआयना करते समय जेल के अंदर जिला प्रशासन व पुलिस के अफसरों को चाक-चौबंद व्यवस्थाएं मिली है।
निरीक्षण के दौरान अधिकारियों ने कैदियों को मिलने वाली सुविधाओं की जानकारी जेल अधीक्षक एसके उपाध्याय से ली है। साथ ही बंदियों से जेल प्रबंधन के बर्ताव का फीडबैक लिया गया है। कैदियों से अफसरों ने खाने पीने की सामग्री सहित बैरकों का भ्रमण कर गोपनीय जानकारी जुटाई है। वहीं जेल प्रहरियों से ड्यूटी चार्ट के बारे में पूछताछ की है।

जेल के अंदर दाखिल होते अफसर।
जेल सूत्रों का कहना है कि कलेक्टर व एसपी को प्रोटोकॉल के तहत दो महीने में एक बार जेल का निरीक्षण करना अनिवार्य है। दावा है कि कई माह से रीवा प्रशासन द्वारा जेल का निरीक्षण नहीं किया था। इधर शनिवार की दोपहर उज्जैन सेंट्रल जेल की अधीक्षक उषा राजे की गिरफ्तारी के बाद जिम्मेदार हरकत में आए। ऐसे में 45 मिनट के भीतर खानापूर्ति कर दी है।

चकाचक मिली व्यवस्थाएं। बाहर आते जिम्मेदार।
लाव लश्कर के साथ पहुंचे जिम्मेदार
रीवा सेंट्रल जेल के निरीक्षण के समय एएसपी अनिल सोनकर, एएसपी मऊगंज विवेक कुमार लाल, सीएसपी शिवाली चतुर्वेदी के साथ शहरी थानों के प्रभारी शामिल रहे है। चर्चा है कि अधिकारियों को निरीक्षण में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम मिले। सजायाफ्ता व विचाराधीन बंदियों से जेल के अंदर चल रही रूटीन गतिविधियों के बारे में जानकारी ली है।
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