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Chhatarpur:बेटी को गोद में उठाकर सेकेंड प्रेमी से शादी करने पहुंची प्रेमिका, शादी के मंडप में बना गजब का सीन – Woman Married For Second Time After Death Of Her Husband Children Participated Wedding In Chhatarpur

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सेकेंड प्रेमी से शादी करने पहुंची प्रेमिका

सेकेंड प्रेमी से शादी करने पहुंची प्रेमिका
– फोटो : अमर उजाला

विस्तार

मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के माध्यम से छतरपुर नगर पालिका की ओर से सामूहिक विवाह समारोह का आयोजन किया गया। इस आयोजन में दो पुनर्विवाह और एक निकाह सहित 38 बेटियों की शादियां कराई गईं। प्रांगण में वेदमंत्रों के साथ 37 विवाह आयोजित हुए तो वहीं मौलवी ने एक मुस्लिम बेटी सना खातून का निकाह भी पढ़ाया। समारोह में सबसे विशेष विवाह ग्राम पनागर निवासी सुशीला कुशवाहा का रहा, जिनकी शादी लखनगुवां निवासी अज्जू कुशवाहा के साथ हुई।

बता दें कि कुछ महीने पहले सुशीला कुशवाहा के पूर्व पति ने जहर पीकर आत्महत्या कर ली थी। पारिवारिक विवाद और कर्ज के चलते पति के साथ छोड़ देने के कारण सुशीला अपने तीन बच्चों के साथ अकेली हो गई थी। सुशीला की मुलाकात एक महीने पहले आठ किलोमीटर दूर के गांव लखनगुवां निवासी अज्जू कुशवाहा से हुई थी। दोनों की मुलाकात प्यार में बदल गई और फिर सुशीला ने अपनी व्यथा उसे बताई। अज्जू की शादी नहीं हुई थी, दोनों में आपसी सहमति बनी और अज्जू ने उसे उसके बच्चों सहित स्वीकारने और शादी करने की बात कही।

इस पर दोनों राजी हो गए, पर प्यार को अमलीजामा पहनाने के लिए परिजनों को बताया। जहां अज्जू के परिजन तो तैयार हो गए पर सुशीला के परिजन तैयार नहीं थे तो दोनों ने अपनी मर्ज़ी से शादी करने का मन बनाया और रजिस्ट्रेशन कर मुख्यमंत्री कन्यादान विवाह योजना अंतर्गत छतरपुर नगरपालिका में अपना विवाह संपन्न कराया। इस दौरान वधूपक्ष से कोई भी मौजूद नहीं रहा। सिर्फ उसके तीनों बच्चे मौजूद रहे। वहीं, वर पक्ष से सभी मौजूद थे।

पहले भी किया था प्रेम विवाह…

विवाह के बाद पति-पत्नी नई जिंदगी के लिए उत्साहित नजर आए। सुशीला कहती है कि वह जिले के भीमकुंड की रहने वाली है और उसने 10 साल पहले भी माता-पिता की मर्ज़ी के बगैर पनागर निवासी सुशील से प्रेम विवाह किया था। पहले पति से उसके क्रमशः तीन बच्चे (प्रतीक्षा आठ साल, मोहित चार साल और वैशाली एक साल) हैं। लेकिन पति की तीन महीने पहले ही मौत हो जाने से ससुराल में अकेली थी।

हाल ही में पास के लखनगुवां गांव के अज्जू से एक महीने पहले मुलाकात हुई और यह मुलाक़ात कब प्यार में बदल गई पता ही नहीं चला। उसने अज्जू को दिल से अपना पति मान लिया और आज शादी कर इसे मूर्त रूप दिया है। अब हम लोग शादी करके बहुत खुश हैं।

पहली मुलाकात में हुआ प्यार, तीन बच्चों के साथ अपनाया…

वहीं, अज्जू का कहना है कि मुझे पहली मुलाकात में ही सुशीला से प्यार हो गया था। मुझे उसके शादीशुदा और विधवा होने से कोई गुरेज/मलाल नहीं था। मैंने सुशीला को उसके तीनों बच्चों के साथ स्वीकार किया है और आज अग्नि के सात फेरे लेकर ईश्वर को साक्षी मानकर सर्वजनों के सामने अपनी पत्नी स्वीकार लिया है। अब हम दोनों विधिवत पति-पत्नी हैं। अपने तीनों बच्चों के साथ खुशहाल जीवन बिताना चाहते हैं और अब बहुत खुश हैं। कोई क्या कहता है फर्क नहीं पड़ता। इस विवाह समारोह में फिर सुशीला कहीं नहीं एक और पुनर्विवाह हुआ है, जिसमें कि बड़ामलहरा क्षेत्र की ग्राम चिराला निवासी अभिलाषा घोष का भी पुनर्विवाह हुआ है। उसके पति की मौत आएक एक्सीडेंट में हुई थी, पर उनके कोई बच्चे नहीं हैं।

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