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समाज सेवा या अच्छा वेतन… हैदराबाद के डॉक्टर ने बताई 20 साल पहले की सैलरी, ट्विटर पर छिड़ी बहस

हैदराबाद. एक डॉक्टर होने के नाते आप लोगों की सेवा कर सकते हैं और कुछ मामलों में उनकी जान बचा सकते हैं. लेकिन क्या अच्छा पैसा कमाने की उम्मीद किए बिना इस पेशे को सिर्फ एक नेक काम के रूप में मानना ​​आसान है? दरअसल, हैदराबाद के एक डॉक्टर ने ट्वीट करते हुए उस समय को याद किया, जब वे चार साल से अधिक तक काम करने के बावजूद केवल 9 हजार रुपये प्रति माह कमाते थे.

उनके इस ट्वीट ने सोशल मीडिया पर शुरुआती मेडिकल प्रोफेशनल्स को मिलनेवाले मेहनताना पर एक ऑनलाइन बहस शुरू कर दी है. डॉ सुधीर कुमार, जो एक प्रमुख निजी अस्पताल में बतौर न्यूरोलॉजिस्ट काम करते हैं और एमबीबीएस एमडी और डीएम न्यूरोलॉजी जैसी डिग्री रखते हैं, ने अपने ट्वीट में कहा कि एक डॉक्टर का जीवन कम खर्च करने वाला या बचत करने वाला हो सकता है.

उनका जवाब तब आया जब एक ट्विटर यूजर ने एक युवा चिकित्सक की सामाजिक सेवा और पर्याप्त कमाई की दुविधा के बारे में अपने साझा किये. यूजर ने पोस्ट में लिखा था, ‘एक यंग प्रैक्टिशनर के लिए समाज सेवा करना इतना आसान नहीं है जब वह खुद को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहा हो. आपकी पीढ़ी के लिए ऐसा कहना आसान है, सर.’

न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. सुधीर कुमार के इस खुलासे से सोशल मीडिया यूजर्स काफी अचंभित रह गए. इसके बाद कई डॉक्टरों ने अपने अनुभव साझा करने शुरू किए. एक ने लिखा, ‘यह वास्तव में बहुत कम था. उस समय तो पीएचडी छात्रों को ही 8000 रुपए प्रति माह की स्कॉलरशिप मिलती थी, जो कि टैक्स फ्री भी था.’

एक फॉलोअर ने डॉक्टर द्वारा बताई गई राशि की फिर से पुष्टि करते हुए ट्वीट किया, ‘डॉक्टर, लगता है कोई टाइपो है. 90000 प्रति महीना होना चाहिए. एक डॉक्टर का वेतन 20 साल पहले इतना भी कम नहीं था.’ इसी क्षेत्र से जुड़े एक अन्य यूजर ने जवाब दिया, ‘जहां तक ​​​​मुझे याद है, मैंने 2000 में हुबली सरकारी अस्पताल में ईएनटी पोस्ट-ग्रेजुएट के रूप में 5500 रुपये कमाए थे. इसमें कुछ भी अविश्वसनीय नहीं है, उस समय आपके लिए समाज सेवा पहले होता था.’ एक साथी डॉक्टर ने न्यूरोलॉजिस्ट सुधीर कुमार के ट्वीट का समर्थन करते हुए कहा, ‘…सहमत… हमें कम से कम पैसों के साथ जीने की जरूरत है…’

Tags: Hyderabad, Telangana


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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