पढ़ाई छोड़ी, टैक्सी चलाई, फिर खड़ी कर दी 42,000 करोड़ की कंपनी, 5 लाख रुपये से शुरू किया था बिजनेस

हाइलाइट्स
मुकेश जगतियानी करियर के शुरुआती दिनों में होटल में भी काम करते थे.
1973 में चाइल्ड केयर से जुड़े बिजनेस की दुनिया में प्रवेश किया.
आज 20 से अधिक देशों में मुकेश जगतियानी के कंपनी के 6,000 स्टोर्स हैं.
नई दिल्ली. देश और दुनिया में कामयाब बिजनेसमैन की कहानी के कई किस्से सुनने को मिलते हैं. इनकी सक्सेस स्टोरी लाखों युवाओं को प्रेरणा देती है जो जिंदगी में कुछ बड़ा करना चाहते हैं. हम आपको ऐसे शख्स की कहानी बताने जा रहे हैं जिसने देश नहीं बल्कि विदेश में जाकर अपनी कामयाबी का परचम लहराया है. दुबई स्थित अरबपति बिजनेसमैन मैग्नेट मिकी यानी मुकेश जगतियानी की सफलता की कहानी बेहद दिलचस्प है. यह शख्स जो कभी टैक्सी चलाता था और होटल के कमरे साफ करता था, आज करोड़ों की कंपनी खड़ी कर चुका है.
मुकेश जगतियानी का जन्म कुवैत में हुआ था, लेकिन उन्होंने अपनी पढ़ाई चेन्नई और मुंबई से पूरी की. फिर लंदन जाकर हायर स्टडीज कंपलीट की, लेकिन बीच में ही पढ़ाई छोड़कर काम करना शुरू कर दिया. उन्होंने अपने करियर की शुरुआत एक टैक्सी चलाकर और लंदन में एक होटल क्लीनर के रूप में की थी. लेकिन एक दुखद घटना के बाद उनकी जिंदगी में दिलचस्प मोड़ आया.
परिवार से मिले कुछ पैसों से शुरू किया कारोबार
मुकेश जगतियानी के माता-पिता का असमय निधन हो गया. इसके बाद मुकेश बहरीन चले गए, जहां उन्होंने परिवार से मिली 6,000 डॉलर की रकम के साथ 1973 में चाइल्ड केयर से जुड़े बिजनेस की दुनिया में प्रवेश किया. उन्होंने अपनी मेहनत और व्यापारिक कौशल के साथ अपने वेंचर का विस्तार करना शुरू कर दिया. आज मुकेश जगतियानी के भारतीय उपमहाद्वीप और मध्य पूर्व से लेकर अफ्रीका, एशिया और यूरोप तक 20 से अधिक देशों में 6,000 स्टोर्स हैं.
40 साल में खड़ा किया 42,000 करोड़ का साम्राज्य
4 दशक के करियर में जगतियानी ने अप्रैल 2023 तक $5.2 बिलियन (42,800 करोड़ रुपये से अधिक) की कुल संपत्ति अर्जित कर ली. उनका दुबई-मुख्यालय वाला लैंडमार्क ग्रुप का रेवेन्यू $9.5 बिलियन (78,000 करोड़ रुपये से अधिक) है. मिकी की शादी रेणुका जगतियानी से हुई है जो आज अरबों डॉलर के समूह की सीईओ और चेयरपर्सन हैं.
अरबपति कारोबारी मुकेश जगतियानी सोशल वेलफेयर के काम के लिए भी जाने जाते हैं. साल 2000 में मिकी ने LIFE (Landmark International Foundation for Empowerment) नाम से एक चरिटेबल ट्रस्ट बनाया. यह संस्था भारत में 1 लाख बेसहारा बच्चों की शिक्षा और दवाईयों का खर्चा उठती है. इसके अलावा यह संस्था कम्युनिटी क्लिनिक चलाने के साथ-साथ चेन्नई में एक वृद्धाश्रम भी चलाती है.
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Tags: Becoming a successful entrepreneur, Billionaires, Success Story, Successful business leaders
FIRST PUBLISHED : April 08, 2023, 10:22 IST
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