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Lucknow’s IIT JEE Mains topper reveals the secret of his success, watch the video – News18 हिंदी

ऋषभ चौरसिया/ लखनऊ: नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई मेंस 2024) के दूसरे सत्र के परिणाम जारी कर दिए हैं. इस परीक्षा में कुल 56 स्टूडेंट्स ने 100 प्रतिशत अंक प्राप्त किए हैं. इसमें महाराष्ट्र के गजरे नीलकृष्ण ने ऑल इंडिया नंबर-1 रैंक हासिल की है. वहीं, लखनऊ के कई प्रतिभाशाली छात्रों ने इस सत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है. आइए जानते हैं टॉपर्स से उनके प्रिपरेशन के बारे में.

लखनऊ के अंशुमान मिश्रा ने जेईई मेंस 2024 में 99.991 पर्सेंटाइल स्कोर हासिल किया है. वह बताते हैं कि वे स्कूल के बाद रोजाना 4 से 5 घंटे स्वाध्याय करते थे. उनका कहना है कि इस परीक्षा की तैयारी के लिए छात्रों में धैर्य होना चाहिए और बेसिक कांसेप्ट पर पकड़ होनी चाहिए. साथ ही, NCERT पुस्तकों पर अच्छी समझ होनी चाहिए. अंशुमान यह भी सलाह देते हैं कि छात्रों को प्रैक्टिस पेपर्स का बहुत अधिक अभ्यास करना चाहिए. उन्होंने खुद भी कक्षा 9 से आईआईटी की तैयारी शुरू कर दी थी.

रेगुलर प्रैक्टिस से मिली सफलता
आरोह राय ने बताया कि उन्होंने इस परीक्षा में 99.84 पर्सेंटाइल स्कोर हासिल किया है. उनका लक्ष्य सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनना है. आरोह कहते हैं कि उन्होंने कक्षा 9 से ही कोचिंग ज्वाइन कर आईआईटी की तैयारी शुरू कर दी थी. स्कूल से आने के बाद वे रोज़ाना 5 से 6 घंटे कोचिंग और सेल्फ स्टडी में समय देते थे. जबकि,पढ़ाई के दौरान उनके माता-पिता और कोचिंग के शिक्षकों ने उन्हें बहुत सहयोग किया और हमेशा प्रेरित किया. वे कहते हैं कि आईआईटी की तैयारी के लिए बेसिक कंसेप्ट क्लियर होना बहुत जरूरी है. इस परीक्षा की सक्सेस ज्यादा प्रैक्टिस पर निर्भर करता है. जितना ज्यादा प्रैक्टिस उतना चांस.

परीक्षा में NCERT की किताबों की बड़ी भूमिका
सानवी पुरवार, जिन्होंने JEE Mains में 99.937 पर्सेंटाइल स्कोर करके अपने शहर में चौथा स्थान प्राप्त किया. उन्होंने बताया कि इस परीक्षा की तैयारी के लिए वे प्रतिदिन 6 से 7 घंटे पढ़ाई करती थी. सानवी का कहना है कि JEE की तैयारी करने वाले छात्रों को NCERT की किताबों को अच्छी तरह से पढ़ना चाहिए और सभी फॉर्मूले याद रखने चाहिए. इसके अलावा, छात्रों को नियमित रूप से टेस्ट सीरीज में भाग लेना चाहिए.

श्रेय अपने माता-पिता और शिक्षकों को
युग शर्मा ने 99.920 पर्सेंटाइल हासिल करके शहर में पांचवां स्थान प्राप्त किया है. युग ने बताया कि कोचिंग के अलावा रोज़ाना 6 से 8 घंटे खुद से पढ़ाई करते थे. आजकल जहां ज्यादातर लोग मोबाइल और लैपटॉप पर पढ़ते हैं, वहीं युग को किताबें पढ़ना ज्यादा पसंद है क्योंकि इससे ध्यान भटकता नहीं है. उन्होंने फिजिक्स में 100 पर्सेंटाइल हासिल किया है और इस सफलता का श्रेय वे अपने माता-पिता और शिक्षकों को देना चाहते हैं.

Tags: Local18, Lucknow news


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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