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अधिकारी ने ट्रांसफर के बाद भी नहीं छोड़ा जिला, कांग्रेस ने कहा- ये भारी बंदरबांट | The officer did not leave the district even after the transfer, the Congress said – this huge port


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श्योपुर38 मिनट पहले

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कूनो नेशनल पार्क के डीएफओ प्रकाश वर्मा का फरवरी महूने में सिवनी जिले के लिए तबादला हो गया था। लेकिन डीएफओ श्योपुर जिला नहीं छोड़ना चाहते हैं। इसलिए वह तबादला रुकवाने में लगे हैं। श्योपुर जिले में डीएफओ वर्मा के कार्यकाल को करीब 3 साल का समय भी हो चुका है। तबादला होने के 1 महीने बाद भी उन्हें यहां से नहीं हटाया गया। इसे लेकर कांग्रेस ने सवाल खड़े किए हैं।

कूनो नेशनल पार्क में भारी बंदरबांट

कांग्रेस जिलाध्यक्ष अतुल सिंह चौहान का आरोप है कि डीएफओ को जिले में 3 साल के करीब समय बीत चुका है। उनका तबादला भी होता है, लेकिन आदेश जारी होने के 1 महीने बाद भी वह उसी जगह उसी कुर्सी पर है।इसकी वजह यह है कि चीता प्रोजेक्ट के लिए कूनो नेशनल पार्क में भारी भरकम बजट लगातार दिया जा रहा है।

इसके बंदरबांट का खेल ऊपर तक चल रहा है। चर्चा तो यहां तक है कि कूनो के आसपास की बेशकीमती जमीन है, उन्होंने किसी के नाम पर खरीद रखी है। इसलिए वह खुद कभी यहां से जाना नहीं चाहते। बजट में बंदरबांट होने की वजह से ऊपर तक के कई लोग उन्हें यहां रोकने में लगे हुए हैं। इसकी जांच होनी चाहिए, यह तबादला प्रक्रिया का मजाक है। आने वाले कुछ ही महीनों बाद प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने जा रही है। इसके बाद जितना भी घोटाला हुआ है उस सब का हिसाब लिया जाएगा।

चीता प्रोजेक्ट के बाद लगातार हुए निर्माण

दरअसल, कूनो नेशनल पार्क के डीएफओ प्रकाश वर्मा का तबादला पिछले महीने 24 फरवरी को सिवनी जिले में हो गया था। अभी तक वह श्योपुर से सिवनी नहीं गए हैं। डीएफओ का कार्यभार भी संभाले हुए हैं, इसे लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। चीता प्रोजेक्ट आने के बाद कूनो में लगातार निर्माण कार्य हुए हैं, इसमें कई फर्जी और बिना जीएसटी वाले बिल लगाने के आरोप भी कांग्रेस ने लगाए हैं।

मैंने कुछ नहीं किया- डीएफओ

कूनो नेशनल पार्क के डीएफओ प्रकाश वर्मा का कहना है कि न मैंने ट्रांसफर करवाया है और न ही रुकवाया है। शासन स्तर से निर्णय लिया जाता है कि किसे रोकना है और किसे नहीं रोकना।

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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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