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गर्मी और लू से बचाव के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय ने कार्यस्थलों के लिए दिए खास टिप्स, जान लें आप भी

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गर्मी और लू से बचने के टिप्स

देश के कई राज्य भीषण गर्मी और लू की चपेट में हैं। दिन पर दिन बढ़ती जा रही गर्मी के बीच स्वास्थ्य मंत्रालय ने रविवार को नियोक्ताओं को कार्यस्थल पर आवश्यक गर्मी सुरक्षा उपाय अपनाने की सलाह दी है। मंत्रालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक एनिमेटेड पोस्ट के जरिए बताया कि कैसे कार्यस्थल पर गर्मी से बचने के उपाय किए जाने चाहिए। स्वास्थ्य मंत्रालय ने नियोक्ताओं से कार्यस्थल पर उचित पेयजल सुविधाएं प्रदान करने का आह्वान किया और इसके साथ ही दिन के समय में बाहरी कार्यों को शेड्यूल करने और कर्मचारियों को आराम का समय देने की अहमियत बताई है।

एक एनिमेटेड पोस्ट में, मंत्रालय ने नियोक्ताओं से कार्यस्थल पर उचित पेयजल सुविधाएं प्रदान करने का आह्वान किया और साथ ही स्वास्थ्य मंत्रालय ने कुछ टिप्स भी साझा किए, जिसमें कहा गया है कि “दिन में गर्मी के दौरान कर्मचारियों को बाहर की ड्यूटी लगाने से बचना चाहिए। मौसम ठंडा होने पर ही बाहरी कार्यों को शेड्यूल करें, कर्मचारी को आराम करने दें।”

मंत्रालय ने कही ये बात

इसके साथ ही नियोक्ताओं को कर्मचारियों को गर्मी से संबंधित बीमारी के लक्षणों को पहचानने के लिए प्रशिक्षित करने की भी सलाह दी गई है। मंत्रालय ने कहा, सिरदर्द, चक्कर आना, डिहाइड्रेशन और सांस लेने में समस्या गर्मी से संबंधित बीमारी के सामान्य लक्षण हैं। अत्यधिक गर्मी के संपर्क में आने से स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है, जिसमें शरीर पर चकत्ते से लेकर गंभीर और संभावित रूप से घातक स्वास्थ्य समस्याएं जैसे गर्मी से थकावट और हीट स्ट्रोक शामिल हो सकते हैं।

जानें हीटस्ट्रोक के लक्षण, तुरंत जाएं अस्पताल

दोपहर के समय बाहर बहुत तेज गर्म हवाएं (लू) चल रही हैं। इससे हीट स्ट्रोक यानी लू लगने का खतरा सबसे अधिक रहता है। इससे डायरिया, टाइफाइड, त्वचा संक्रमण होने की भी आशंका रहती है। धूप और अत्यधिक गर्मी से बचाव के लिए कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए।

तेज धूप लगने पर शरीर में पानी की कमी होने लगती है और इस वजह से प्यास बहुत लगती है। इसके साथ ही सिर में दर्द शुरू हो जाता है। उल्टी, चक्कर आना, बुखार व पसीना अधिक आना, लू लगने के लक्षण हैं। कई लोग गर्मी की वजह से बेहोश हो जाते हैं।

अधिक देर तक लू में रहने पर शरीर से पसीना आना बिल्कुल बंद हो जाता है और यह खतरे की घंटी है। यदि पसीना आना बंद हो जाए, तो समझ लें कि लू लग गई है। लू को गंभीरता से लेना चाहिए क्योंकि इससे किडनी, लिवर जैसे महत्वपूर्ण अंग खराब हो सकते हैं और यह जानलेवा भी साबित हो सकता है।

लू लगने पर तुरंत अस्पताल जाना चाहिए।

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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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