खूनी होती रिश्तो की डोर और कत्ल होती ममतमयी मां

लेखिका- प्रतिभा चतुर्वेदी ( एडवोकेट)
मातृ शक्ति की उपासना का पर्व नवरात्रि चल रहा है। जगत जननी जगदंबा की असीम शक्ति सर्जन करने की क्षमता प्रेम करुणा दया के आगे तीनो लोक और स्वयं देवता भी नतमस्तक हुए हैं। एक तरफ माँ को पूजा जा रहा है वहीं दूसरी ओर एक ऐसी हृदय को विचलित करने वाली घटना सामने आई, जिसमें एक बेटी ने हीं अपनी मां का कत्ल कर दिया। यह साधारण नहीं असाधारण हत्याकांड है जिसमें जन्म देने वाली मां का महत्व उसका प्यार दुलार समर्पण सब कुछ चाकू के वार से तार-तार होकर बिखर गया।
मध्यप्रदेश के बीना में 28 मार्च 2023 को घटित हत्याकांड समाज के विकृत चेहरे को प्रदर्शित करता है। जिसमें एक 19 वर्षीय युवती ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर मां की हत्या कर देती है। मां का कसूर सिर्फ इतना था कि अपना फ़र्ज निभाया और अपनी पुत्री के डगमगाये कदमों को रोकना चाहती थी। प्यार में अंधी यह युवती अपने नये जीवन की तलाश में अपने प्रेमी के साथ सुबह 5:00 बजे घर छोड़ कर जा रही थी। तभी भनक लगने पर मां ने उसे समझा कर रोकने का प्रयास किया। इस बेटी ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर मां की गर्दन और सीने पर चाकू से कई प्रहार कर उसे मौत दे दी।यह कैसी विडंबना है कि जिस माँ ने जन्म दिया उसी बेटी ने दूध का कर्ज छाती पर चाकू के प्रहार से चुकाया। यह कलयुगी संतान का विभत्स चेहरा है जो रिश्तो की अटूट डोर को खून में लथपथ कर रही है।
आधुनिक जमाने की यह पौध नई आवो-हवा में पनप रही है। जो अपनों से ना केवल दूर बल्कि अपनों की कातिल हो रही है। क्या कारण है इन्हे खोजना होगा। बचपन से ही टीवी और सोशल मीडिया को देखते देखते काल्पनिक जगत की चकाचौंध से इतने प्रभावित हो जाते हैं कि अपना जीवन उसी के अनुरूप और उसके इर्द-गिर्द ही ढूढने लगते हैं। टीवी और सोशल मीडिया के कुप्रभाव के चलते सोचने समझने की शक्ति क्षीण हो रही है और मानवीय संवेदनाएं खत्म होती जा रही हैं। जो ऐसी घटनाओं के रूप में नतीजा सामने आ रहा है।
समाज में होने वाली ऐसी घटनाएं निश्चित ही विचलित करने वाली है। अंध प्यार के सपनों को पूरा करने के लिए ममता के सीने पर खंजर भोकना निश्चित रूप से समाज का वह दर्पण है जो कालिख से पुता हुआ है।