रीवा में ट्रैफिक सूबेदार व आरक्षक 10,500 रुपए की रिश्वत लेते ट्रैप, पिकअप छोड़ने के एवज में मांगे थे 15 हजार | Traffic subedar and constable trap in Rewa taking bribe of Rs 10,500

रीवा38 मिनट पहले
- कॉपी लिंक
रीवा लोकायुक्त कार्यालय में खड़े दिलीप तिवारी सूबेदार थाना यातायात और अमित सिंह बघेल आरक्षक चालक।
रीवा लोकायुक्त ने पुलिस ने ट्रैफिक सूबेदार व आरक्षक को 10,500 रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों ट्रैप किया है। यहां 24 मार्च को पिकअप चालक रीवा से कूलर लोड कर सीधी जिले के मझौली जा रहा था। चार दिन पहले यातायात प्रभारी ने वाहन जब्त कर लिया। मालिक से कहा कि चालक शराब पीकर वाहन चला रहा था। ऐसे में पिकअप वाहन को जब्त कर सिविल लाइन थाने में खड़ा करा दिया।
फिर छोड़ने के एवज में 15 हजार रुपए की डिमांड की जाने लगी। थक हारकर फरियादी लोकायुक्त एसपी के पास शिकायत कर दी। वहां से मंगलवार की देर शाम ट्रैपिंग का समय निर्धारित किया गया। इसी बीच सिविल लाइन थाने के सामने ट्रैफिक सूबेदार चेकिंग अभियान चला रहे थे। वहां पीड़ित पहुंचा। जिसने रिश्वत के 10,500 रुपए सूबेदार को सौंपे। वैसे ही लोकायुक्त ने पकड़ लिया है।
लोकायुक्त एसपी गोपाल सिंह धाकड़ ने बताया कि फरियादी नवल किशोर रजक पुत्र गोमती प्रसाद 35 वर्ष निवासी आदर्श नगर बरा थाना समान पेश से किसान है। वह जीविकोपार्जन करने पिकअप वाहन भी चलवाता है। उसने दिलीप तिवारी सूबेदार थाना यातायात और अमित सिंह बघेल आरक्षक चालक 189 थाना यातायात के खिलाफ शिकायत की। सत्यापन करने पर आवेदन सही पाया गया।
ढेकहा तिराहे पर चेकिंग में पकड़ा पिकअप
पीड़ित की मानें तो चार दिन बोलेरो पिकअप में कूलर लोड करके सीधी मझौली जा रहा था। ढेकहा तिराहे पर चेकिंग के नाम पर गाड़ी पकड़ ली गई। गाड़ी को छोड़ने के एवज में 15,000 रुपए रिश्वत मांगी। बातचीत के दौरान अंत में सौदा 10,500 रुपए में हो गया। शाम को जैसे ही फरियादी 10,500 रुपए की रिश्वत दी। वैसे ही सिविल ड्रेस में खड़े लोकायुक्त अफसर का इशारा कर दिया।
12 सदस्यीय टीम ने पकड़ा
शिकायतकर्ता का दावा है कि उसने यातायात थाने के सूबेदार दिलीप तिवारी को रकम सौंपी थी। फिर सूबेदार ने अपने हाथ से रिश्वत के रुपए यातायात थाने के आरक्षक चालक अमित सिंह बघेल काे दे दिया। ऐसे में आरक्षक भी आरोपी बन गया है। ट्रेप कार्रवाई निरीक्षक जियाउल हक ने DSP प्रवीण सिंह परिहार के नेतृत्व में की है। टीम में दो पंच साक्षी सहित 12 सदस्यीय दल मौजूद था। इस मामले में लोकायुक्त पुलिस ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर ली है।
Source link