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पितृ पक्ष मेला में तीर्थ यात्रियों को स्पेशल गिफ्ट देगी बिहार सरकार, पवित्र स्थान पर रखना होगा, पूरे साल कर पाएंगे यूज

हाइलाइट्स

गयाजी में 17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक पितृ पक्ष मेले का आयोजन. तीर्थ यात्रियों को गया जिला प्रशासन द्वारा गंगाजल भेंट किया जाएगा. पिंडदान-कर्मकांड करने के बाद तीर्थयात्रियों मिलेंगे गंगा जल के पैकेट.

गया. आगामी 17 सितंबर से विश्व विख्यात पितृ पक्ष मेले की शुरुआत बिहार के गया जी में होने वाली है जिसको लेकर तैयारी की जा रही है. पितृ पक्ष में आने वाले तीर्थ यात्रियों को बेहतर से बेहतर सुविधा मिले इसको लेकर पूरा ध्यान गया जिला प्रशासन ने लगा रखा है. यही वजह है कि लगातार मेला क्षेत्र का जगह-जगह पर तैयारी की जा रही है. वहीं, इसी कड़ी में तीर्थ यात्रियों को एक और बड़ी सौगात मिलने वाली है. अब देश-विदेश से आने वाले तीर्थ यात्रियों को पिंडदान करने के बाद जब वह वापस लौटेंगे तो उन्हें उपहार स्वरूप गंगाजल का पैकेट दिया जाएगा. ऐसा इसलिये कि तीर्थ यात्री अपने घर गंगाजल ले जाएं और उसे पूजा पाठ व अन्य महत्वपूर्ण कार्यों में उसका उपयोग कर सकें.

गंगाजल पैकेजिंग के लिए भी तैयारी शुरू कर दी गयी है. गंगाजल की पैकेजिंग मगध दूध उत्पादक सुधा डेयरी में की जाएगी. इसको लेकर जिला प्रशासन ने एक लेटर देकर जल संसाधन विभाग को भेजा है जिससे आपस में समन्वय स्थापित कर इस कार्य जल्द से जल्द पूरा करने का भी निर्देश दिया गया है. पैकेजिंग होने के बाद 17 सितंबर से मेला क्षेत्र में सरकारी स्टॉल लगाये जाएंगे जहां से यह गंगाजल के पैकेट तीर्थ यात्रियों के बीच वितरित किये जाएंगे. बताया जाता है कि एक दिन में कम से कम 10 हजार तीर्थ यात्रियों को यह गंगाजल का पैकेट उपहार के स्वरूप दिया जाएगा.

बता दें कि विश्व विख्यात पितृपक्ष मेला शुरू होने से पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मेला क्षेत्र में तैयारी का जायजा लेने के लिए पहुंचे थे. मेला क्षेत्र के जायजा लेने के बाद गया समाहरणालय के सभागार में जिलाधिकारी डॉ त्याग राजन एसएम के साथ सभी विभागों के अधिकारी व अन्य समाज सेवायों व गयापाल पांडा के साथ बैठक की थी. नीतीश कुमार ने बैठक में कहा था कि इस बार तीर्थ के लिए गंगाजल का पैकेट उपहार स्वरूप दिया जाए यह एक अच्छा संदेश भी जाएगा.

यहां यह भी बता दें कि विश्व प्रसिद्ध पितृपक्ष मेला में देश-विदेश से पिंडदान करने बिहार के गयाजी पहुंचते हैं. पितृ पक्ष दिवंगत आत्माओं को समर्पित है और उन्हें प्रसन्न करने, क्षमा मांगने और पितृ दोष (पूर्वजों के श्राप) से मुक्ति पाने के लिए है. इस अवधि के दौरान दिवंगत आत्मा को जन्म, जीवन और मृत्यु के चक्र से मुक्त करने के लिए श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान जैसे अनुष्ठान किए जाते हैं.

पितृ पक्ष के अनुष्ठान फल्गु नदी में किए जाते हैं और उसके बाद गया के विष्णुपद मंदिर में विशेष प्रार्थना की जाती है. पितृपक्ष में श्राद्ध और तपर्ण के फायदे के कई फायदे हैं, इससे पितरों का आर्शीवाद मिलता है. मान्यता है कि श्राद्ध नहीं करने की स्थिति में आत्मा को पूर्ण रूप से मुक्ति नहीं मिल पाती है. इस स्थिति में आत्मा भटकती रहती है. इस बार यह पितृ पक्ष मेला 17 सितंबर से शुरू हो रहा ये मेला 2 अक्टूबर को समाप्त हो जाएगा.


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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