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ग्लोबल ड्रग्स सिंडिकेट का बड़ा खेल, ‘D Company’ भारत से कर रही विदेशों में नशा सप्लाई

मुंबई. मुंबई पुलिस (Mumbai Police) की एंटी नारकोटिक्स सेल (Anti Narcotics Cell) द्वारा किए गए ग्लोबल ड्रग्स सिंडिकेट के भंडाफोड़ मामले में चौंकाने वाला खुलासा सामने आया है. पुलिस की जांच में इस ग्लोबल ड्रग्स सिंडिकेट के तार डी कंपनी से जुड़ते नजर आ रहे हैं. जांच में सामने आया है कि डी कंपनी यूरोपियन देशों, US और UAE में तस्करी करने के लिए ड्रग्स भारत से मंगवा रही है. डी कंपनी ने इसकी जिम्मेदारी ड्रग्स किंगपिन और दाऊद इब्राहिम के पार्टनर कैलाश राजपूत को सौंपी है. दरअसल पुलिस ने करोड़ों के ड्रग्स सिंडिकेट की जांच के दौरान कस्टम के 3 एजेंट्स को गिरफ्तार किया, जो मुंबई से एयर कुरियर के जरिए यूरोपियन देशों और UAE में जाने वाली ड्रग्स की खेप का क्लीयरेंस करवाते थे. इन तीनों से जब पूछताछ की गई तो मुंबई से ड्रग्स की खेप विदेशों में भेजने वाले सिंडिकेट की कड़ी सीधे डी कंपनी से जुड़ गई.

जांच में सामने आया है कि मुंबई से हाई क्वालिटी ड्रग्स केटामाइन की खेप यूरोपियन देशों, US और UAE में कोई और नहीं बल्कि दाऊद का बिजनेस पार्टनर कैलाश राजपूत मंगवा रहा है. दुबई में बैठकर राजपूत का खास गुर्गा दानिश मुल्ला इस कारोबार को ऑपरेट कर रहा है. यूरोपियन देशों में ड्रग्स पहुंचने के बाद डी कंपनी उसे ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड सहित अन्य देशों में 60-100 डॉलर प्रति ग्राम के हिसाब से बेच रही है. पुलिस के मुताबिक यूरोपीय देशों में हाई क्वालिटी ड्रग्स की डिमांड बहुत ज्यादा है और इसी का फायदा डी कंपनी उठा रही है. इस खुलासे के बाद पुलिस ने कैलाश राजपूत और दानिश मुल्ला के खिलाफ लुकआउट नोटिस भी जारी कर दिया है.

एंटी नारकोटिक्स सेल कर रही जांच
एंटी नारकोटिक्स सेल के डीसीपी दत्ता नलावाड़े ने बताया कि हम हर एंगल से जांच कर रहे हैं. जांच में कई अहम सुराग हमें मिले हैं. जांच अभी प्राथमिक स्टेज पर है, इसलिए ज्यादा चीजें डिस्क्लोज करना अभी ठीक नहीं होगा. दरअसल, दो दिन पहले एंटी एक्सटॉर्शन सेल ने मुंबई के अंधेरी इलाके में बड़ी छापेमारी करते हुए 8 करोड़ की केटामाइन ड्रग्स बरामद करते हुए दो आरोपी विजय राणे और असलम शेख को गिरफ्तार किया था. आगे की जांच में पुलिस को इसमें कस्टम विभाग के तीन एजेंट्स अभय जदए, बाबासाहेब काकड़े और शिरीष पवार के शामिल होने के सुराग मिले. जांच में पता चला कि एयरपोर्ट पर इन तीनों की तैनाती Consignment के बेहद ही क्रूशियल पॉइंट्स पर है. यहीं खाने के सामान और दवाओं के नाम पर पिछले 4 सालों से डी गैंग की ड्रग्स Consignment की क्लीयरेंस करवा रहे हैं. अब तक करोड़ों की ड्रग्स की खेप क्लियर करवा चुके हैं.इनके क्लीयरेंस करने के बाद कस्टम अधिकारी शिपमेंट को एयर कुरियर के लिए अलाउ करते हैं और इसकी एवज में उन्हें पैसे मिलते थे. इस जानकारी के बाद तीनों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया.

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एंटी नारकोटिक्स सेल के डीसीपी दत्ता नलावाड़े ने बताया कि हमने अंधेरी में छापेमारी के दौरान 16 किलो केटामाइन ड्रग्स पकड़ा था. इस मामले की जांच के दौरान हमे कस्टम के कुछ एजेंट्स के शामिल होने का सुराग मिला. सुरागों के आधार पर हमने 3 एजेंट्स को गिरफ्तार किया जो एयरपोर्ट पर दवाओं और फूड्स के सामान के बहाने डी गैंग की ड्रग्स की खेप को क्लीयरेंस दे रहे थे. इसके बदले में उन्हें काफी पैसे मिलते थे. इन एजेंट्स में किसका क्या रोल होता था, इसकी जांच हम कर रहे हैं.

जांच में यह जानकारी भी सामने आई है कि विदेशों में भेजी जाने वाली हाई क्वालिटी ड्रग्स की मैन्यूफैक्चरिंग डी कंपनी और कैलाश राजपूत के गुर्गे भारत मे किसी अज्ञात जगह पर कर रहे हैं, जिसका पता लगाने की कोशिशें जारी है. अज्ञात जगह से ड्रग्स को बनाकर कुरियर कंपनी के जरिए यह ड्रग्स मुंबई लाई जाती है. फिर वहां से एयर कुरियर के जरिए यूरोपियन देशों में भेजी जाती है और वहां से दूसरी कुरियर कंपनी कैलाश राजपूत तक पहुंचाती है. पुलिस यह भी जांच कर रही है कि डी कंपनी की ड्रग्स Consignment को क्लियर कराने में किसी कस्टम अधिकारी का हाथ तो नहीं है.

Tags: Dawood ibrahim, Drugs mafia, Mumbai News


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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