अप्राकृतिक कृत्य मामले में हाईकोर्ट ने जमानत दी, समर्थकों ने खुशी में पटाखे फोड़े, जश्न मनाया | High court grants bail in unnatural act case, supporters burst crackers in joy, celebrate

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धार32 मिनट पहले
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कमलनाथ सरकार में मंत्री रह चुके और जिले की गंधवानी विधानसभा से कांग्रेस विधायक उमंग सिंघार को हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली हैं। जबलपुर हाईकोर्ट ने आज देर शाम विधायक की अग्रिम जमानत आवेदन को मंजुर करते हए जमानत दे दी है। विधायक सिंघार के खिलाफ गत दिनों उनकी पत्नी व कांग्रेस नेत्री ने ही रेप सहित आप्रकृतिक कृत्य को लेकर विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज करवाया था, जिसके बाद से ही विधायक फरार चल रहे थे। अब विधायक को इसी मामले में राहत मिली है, विधायक को मिली जमानत की जानकारी के बाद गंधवानी विधानसभा में सिंघार समर्थकों में खुशी की लहर है।

अभिभाषक विभोर खंडेलवाल ने जानकारी देते हुए बताया कि विधायकों के लिए बनाई गई स्पेशल कोर्ट में जमानत को लेकर आवेदन प्रस्तुत किया गया था, जहां पर माननीय न्यायालय के समक्ष पक्ष रखा गया कि रेप की धारा में दर्ज प्रकरण में पति और पत्नी के बीच में बने संबंध रेप की श्रेणी में नहीं आते है। साथ ही विधायक होने के चलते राजनैतिक दबाव में प्रकरण कायम किया गया। इन दो मुख्य बातों पर उमंग सिंघार को जमानत मिली है।
दरअसल जबलपुर निवासी 38 वर्षीय महिला ने डीजीपी ऑफिस में एक आवेदन सौंपा था, उक्त आवेदन धार पुलिस को प्राप्त हुआ था। इसी आधार पर नौगांव पुलिस की एक टीम जबलपुर पहुंची, जहां पर कांग्रेस नेत्री के बयान सहित पुलिस ने दर्ज किए। जिसके बाद 18 नवंबर 2022 को आवेदन सहित बयानों के आधार पर कांग्रेस विधायक उमंग सिंघार के खिलाफ रेप, अप्राकृतिक कृत्य, प्रताडना को लेकर प्रकरण दर्ज किया था। पिछले साढे तीन माह से इस मामले में विधायक फरार चल रहे हैं।
धार पुलिस ने आरोपी विधायक को अरेस्ट करने के लिए धार, गंधवानी, इंदौर सहित प्रदेश के बाहर महाराष्ट्र गुजरात सहित छत्तीसगढ में भी तलाश की लेकिन विधायक सिंघार तब से ही लापता था। इस मामले में धार पुलिस ने फरार विधायक की संपत्तियों के बारे में भी जानकारी गंधवानी राजस्व विभाग से प्राप्त करने को लेकर एक पत्र भी लिखा था। इसी बीच इंदौर में विधायकों के प्रकरण में सुनवाई को लेकर बनी हाईकोर्ट में भी अग्रिम जमानत आवेदन प्रस्तुत किया गया था लेकिन यहां से आवेदन खारिज कर दिया गया। जिसके बाद अब जबलपुर हाईकोर्ट ने राहत दी है।
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