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कोविड-19 के कारण समय-पूर्व जन्म दर में आई तेजी, वैक्सीन ने इसे कम करने में मदद की… स्टडी में दावा

नई दिल्ली: कोविड-19 के कारण समय-पूर्व जन्म दर में चिंताजनक बढ़ोतरी हुई है, लेकिन टीकों ने इस दर को महामारी के पहले के स्तर पर वापस लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. शोधकर्ताओं ने अमेरिका के कैलिफोर्निया में जन्म रिकॉर्ड के विश्लेषण से यह निष्कर्ष निकाला है. शोधकर्ताओं ने कहा कि माताओं में कोविड-19 संक्रमण से समय-पूर्व प्रसव के मामलों में बढ़ोतरी हुई और समय-पूर्व प्रसव की दर 7.1 प्रतिशत से बढ़कर 8.3 प्रतिशत हो गई.

विस्कॉन्सिन-मैडिसन विश्वविद्यालय की समाजशास्त्र प्रोफेसर एवं शोधकर्ता जेना नोबल्स ने कहा, ‘समय से पहले जन्म की घटना उस विनाशकारी पर्यावरणीय जोखिम के समान है, जैसे कई हफ्तों तक तीव्र जंगल की आग के धुएं में सांस लेना.’ स्टैंडफोर्ड विश्वविद्यालय और विस्कॉन्सिन-मैडिसन विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं के दल ने पाया कि जब 2020 के जुलाई से नवंबर तक कोविड-19 का प्रसार हुआ था तब इस बात की आशंका थी कि कोविड-19 से संक्रमित मां नियत तारीख से तीन सप्ताह से अधिक समय पहले बच्चे को जन्म देगी और यह आंकड़ा 5.4 प्रतिशत बढ़कर 6.9 प्रतिशत से 12.3 प्रतिशत तक पहुंच गया.

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चार करोड़ जन्म रिकॉर्ड का किया अध्ययन
हालांकि, शोधकर्ताओं ने लगभग चार करोड़ जन्म रिकॉर्ड के अध्ययन से पाया कि समय-पूर्व जन्म का जोखिम 2021 की शुरुआत में थोड़ा कम हो गया और 2022 में इसमें तेजी से गिरावट दर्ज की गई, जहां शिशुओं के लिए समय-पूर्व जन्म का कोई अतिरिक्त जोखिम नहीं था. शोधकर्ताओं ने ‘प्रोसिडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज’ जर्नल में प्रकाशित अपने अध्ययन में कहा है कि टीकों ने समय-पूर्व जन्म दर के जोखिम कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

इस खोज ने कोविड टीकों की रक्षात्मक प्रवृत्ति पर प्रकाश डाला
नोबल्स ने कहा, ‘वर्ष 2021 की गर्मियों तक, गर्भावस्था के दौरान कोविड​​-19 संक्रमण के बावजूद समय-पूर्व जन्म के जोखिम पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा. सबसे कम टीकाकरण वाले क्षेत्रों में ऐसी स्थिति तक पहुंचने में लगभग एक साल का समय लगता है.’ शोधकर्ताओं ने कहा कि इस खोज ने कोविड टीकों की रक्षात्मक प्रवृत्ति पर प्रकाश डाला है. उन्होंने कहा, ‘हम पहले से ही जानते हैं कि भ्रूण के विकास पर टीकाकरण के प्रतिकूल प्रभावों के बहुत कम सबूत हैं.’’ नोबल्स ने कहा, ‘यहां के नतीजे इस बात के पुख्ता सबूत हैं कि टीकाकरण से वास्तव में भ्रूण को नुकसान नहीं होगा. यह एक ऐसा संदेश है, जिसे चिकित्सक संबंधित रोगियों के साथ साझा कर सकते हैं.’

Tags: America News, COVID 19, Covid 19 vaccination, COVID-19 pandemic, Foreign university, New Study, Vaccine Study


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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