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दिल्ली की बसों में मार्शलों की तैनाती जारी रखी जाए, दिल्‍ली हाईकोर्ट में PIL हुई दाखिल

नई दिल्‍ली : दिल्ली बस मार्शल योजना के तहत दिल्ली की बसों में मार्शलों की तैनाती को जारी रखने की मांग को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में पीआईएल दाखिल की गई, जिसमें कहा गया है कि दैनिक आधार पर बसों का उपयोग करने वाले यात्रियों में समग्र अनुशासन बनाए रखने के लिए दिल्ली की बसों में बस मार्शलों की तैनाती जारी रखना आवश्यक है. सामाजिक कार्यकर्ता और वकील अमित साहनी की तरफ से यह याचिका दायर की गई है.

न्‍यूज एजेंसी ANI के अनुसार, दिल्ली बस मार्शल योजना की शुरुआत दिल्ली में सार्वजनिक बसों में महिलाओं की सुरक्षा में सुधार के लिए परिवहन विभाग द्वारा 2015 में की गई थी. PIL में कहा गया है कि हालिया मीडिया में आई रिपोर्टों के अनुसार “DTC बसें बिना मार्शल के चल रही हैं”. इसमें यह भी कहा गया है कि दिल्ली सरकार की बस मार्शल योजना की वजह से दिल्ली की बसों में छेड़छाड़, चोरी के मामले कम हुए हैं. इसके अलावा दैनिक आधार पर बसों का उपयोग करने वाले यात्रियों में समग्र अनुशासन बनाए रखने के लिए दिल्ली की बसों में बस मार्शलों की तैनाती जारी रखना आवश्यक है.

याचिकाकर्ता अमित साहनी की तरफ से कहा गया है कि संविधान का अनुच्छेद 21 में निहित प्राण और दैहिक स्वतंत्रता की सुरक्षा का प्रावधान देता है. साथ ही सुरक्षा और सुरक्षित वातावरण में यात्रा करना भी भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 का एक हिस्सा है. प्रत्येक व्यक्ति/नागरिक को पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करना राज्य का कर्तव्य है.

याचिका में कहा गया है कि परिवहन विभाग खुद स्वीकार करता है कि दिल्ली की बसों में मार्शलों की तैनाती से सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करने वाली महिलाओं का मनोबल बढ़ा है और छेड़खानी या चोरी जैसी स्थिति होने पर मार्शल स्थिति को संभाल लेता है.

याचिका में आगे कहा गया है कि प्रतिवादी का यह विचार कि सीसीटीवी मार्शल की जगह ले सकता है, बिल्कुल गलत है, क्योंकि सीसीटीवी मौके पर महिलाओं को बेहतर सुरक्षा प्रदान नहीं कर सकता है. हालांकि यह बाद में अपराध पर नज़र रखने में मदद करता है यदि किसी यात्री द्वारा इसकी सूचना दी जाती है.

Tags: Delhi, DELHI HIGH COURT


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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