UP Police shot in the leg of a scumbag close to Atiq Ahmed and carrying a reward of 50 thousand arrested।यूपी: अतीक अहमद के करीबी और 50 हजार के इनामी बदमाश के पैर में पुलिस ने गोली मारी, हुआ गिरफ्तार

अतीक अहमद
लखनऊ: जब से प्रयागराज के उमेश पाल मर्डर केस में जेल में बंद माफिया अतीक अहमद के हाथ होने की बात सामने आई है, तब से उनके अलावा उनके करीबियों की भी मुश्किल बढ़ गई है। बांदा पुलिस ने अतीक के करीबी और 50 हजार के इनामी बदमाश वहीद अहमद को मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया है। बदमाश वहीद, उमेश पाल हत्याकांड में पुलिस मुठभेड़ के दौरान मारे गए अपराधी अरबाज का रिश्ते में फूफा लगता है।
बांदा जेल में कैद रहे गुड्ड मुस्लिम से भी वहीद के रिश्ते हैं और वह हत्या सहित कई मामलों में वांछित था। पुलिस को इस बात की सूचना मिली थी कि वहीद मटौंध थाना क्षेत्र में छुपा हुआ है। इसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस और एसओजी की टीम पर वहीद ने गोली चलाई। इसके बाद पुलिस की जवाबी फायरिंग में वहीद के पैर में गोली लगी। वहीद को घायल अवस्था में जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
शूटर्स लगातार बदल रहे लोकेशन
बता दें कि उमेश पाल हत्याकांड को 20 दिन होने को है, लेकिन अभी तक शूटरों का अता-पता नहीं है। उमेश पाल हत्याकांड में फरार शूटर्स की तलाश जारी है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, शूटर्स लगातार लोकेशन बदल रहे हैं। शूटर्स के पश्चिमी यूपी में छिपे होने की संभावना है। सूत्रों की मानें तो STF गुड्डू मुस्लिम तक लगभग पहुंच गई थी, लेकिन छापेमारी से ठीक पहले गुड्डू मुस्लिम भाग निकला।
नए मोबाइल फोन, नए सिम कार्ड
ऐसा ही साबिर के साथ भी हुआ। शुरुआती दौर में गंगा किनारे के इलाकों से साबिर भी भाग निकला, जबकि पुलिस को लगातार उसके उन इलाकों में होने की जानकारी मिल रही थी। पुलिस करीब 1 दर्जन राज्यों में 650 ठिकानो पर अब तक रेड कर चुकी हैं। विभिन्न एजेंसीज (पुलिस+STF+SOG+क्राइम ब्रांच) शूटर्स को पेमेंट जो पेशगी के तौर दिया गया था वो, असद ने ही दिया था। असद ने सभी को नए मोबाइल फोन और नए सिम कार्ड दिए थे।
नॉर्मल कॉल की सख्त मनाही थी
प्रयागराज से जिन दुकानों से मोबाइल और सिम लिए गए थे उन तक पुलिस पहुंच गई है। STF सूत्रों के मुताबिक, असद ने ही शूटर्स को सिर्फ उन्हीं मोबाइल फोन से व्हाट्सएप कॉल करने के लिए कहा था, नॉर्मल कॉल की सख्त मनाही थी। असद पूरे हत्याकांड को लीड कर रहा था और उसी ने सभी शूटर्स से कहा था कि कोई भी शूटर शूटआउट के बाद एक-दूसरे से बात नहीं करेगा, कौन कहां भागेगा, कौन मदद करेगा, सबकुछ पहले से तय कर लिया गया था, यही वजह है कि पुलिस शूटर्स तक नहीं पहुंच सकी है।
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