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Chinese cctv cameras are ban in usa and australia now cait demands to ban in india due to security reasons

नई दिल्‍ली. भारत में बड़े पैमान पर चाइनीज सीसीटीवी कैमरों का इस्‍तेमाल होता है. अब इन सीसीटीवी पर भारत में बैन लगाने की मांग की जा रही है. कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव को पत्र भेजकर चीनी सीसीटीवी सिस्टम को राष्ट्र की सुरक्षा के लिए संभावित खतरा बताते हुए इसके उपयोग पर देश भर में प्रतिबंध लगाने का अनुरोध किया है. कैट का कहना है कि चीनी सीसीटीवी प्रणाली किसी भी डाटा को देश से बाहर सथानांतरित करने में सक्षम है. पहले जिस तरह सरकार ने चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगाया था उसी तरह देश में चीनी सीसीटीवी के उपयोग को भी बंद करे.

कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतिया और राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि फिलहाल देश में जो भी डेटा संरक्षण कानून या निगरानी तंत्र है उसमें चीनी सीसीटीवी सिस्टम द्वारा इकठ्ठा किए गए डेटा या सूचना को दुनिया में कहीं भी आसानी से भेजा जा सकता है. चूंकि सीसीटीवी नेटवर्क में इंटरनेट प्रोटोकॉल (आईपी) कैमरों का उपयोग किया जाता है और सीसीटीवी सिस्टम की इंटरनेट संचालित डिजिटल वीडियो रिकॉर्डिंग (डीवीआर) के जरिए डाटा को कहीं भी भेजा जा सकता है जो कि सुरक्षा के लिए एक खतरा बना रहेगा.

चीनी सरकार के नियंत्रण में भारत के कैमरे
भरतिया और खंडेलवाल ने कहा कि ऐसा माना जाता है कि भारत में बड़ी संख्या में चीनी मूल के सीसीटीवी कैमरों का उपयोग किया जाता है जो या तो चीनी सरकार द्वारा नियंत्रित हैं या आंशिक रूप से स्वामित्व में हैं. वहीं चीन के कानून के मुताबिक हर व्यक्ति सरकार द्वारा कभी भी मांगे जाने पर सरकार की मदद करने के लिए मजबूर है. इसी के चलते पहले से ही संयुक्त राज्य अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड जैसे देशों ने राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए संवेदनशील क्षेत्रों में चीनी सीसीटीवी के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है.

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कैट ने सुझाव दिया है कि देश के डेटा की पूर्ण सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए संसद द्वारा डेटा संरक्षण कानून तुरंत पारित किया जाना चाहिए और साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मेड इन इंडिया विजन के तहत भारत में सीसीटीवी के निर्माण को प्रोत्साहित करने के लिए एक व्यापक नीति बनाई जाए. वहीं भारत में सीसीटीवी के मौजूदा निर्माताओं की विनिर्माण क्षमता बढ़ाने के लिए एक समर्थन नीति का भी आग्रह किया है.

Tags: CCTV camera footage, China, Made in India


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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