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Without India the world cannot solve this challenge, said PM Albanese of Australia-‘भारत के बिना दुनिया नहीं निकाल सकती इस चुनौती का हल’, जानें और क्या बोले ऑस्ट्रेलिया के पीएम अल्बनीज

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ऑस्ट्रेलिया के पीएम अल्बनीज और पीएम मोदी

New Delhi: भारत यात्रा के दौरान ऑस्ट्रेलिया और इंडिया की दोस्ती को दुनिया ने देखा और माना है। ऑस्ट्रेलिया के पीएम एंथनी अल्बनीज और पीएम मोदी ने जिस तरह से क्रिकेट के मैदान से दुनिया को इस दोस्ती का संदेश दिया है, उससे चीन जैसे देशों को मिर्ची लग गई होगी। इसी बीच ऑस्ट्रेलिया के पीएम ने दुनिया में भारत की अहमियत को बताया। उन्होंने साफतौर पर कहा कि भारत को केंद्र में रखे बिना जलवायु चुनौतियों का समाधान नहीं हो सकता है। उन्होंने ये भी कहा कि भारत और ऑस्ट्रेलिया को न केवल रक्षा और सुरक्षा के मामले में बल्कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भी मजबूत रणनीतिक साझेदार बनने की आवश्यकता है। 

आईआईटी दिल्ली के कार्यक्रम में ऑस्ट्रेलिया के पीएम का संबोधन

ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने शुक्रवार को यहां कहा कि भारत ‘ग्लोबल साउथ’ में नेतृत्व प्रदान करने की बेहतर स्थिति में है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भारत को केंद्र में रखे बिना जलवायु चुनौतियों का समाधान नहीं हो सकता है। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) दिल्ली में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अल्बनीज ने ‘सेंटर फॉर ऑस्ट्रेलिया-इंडिया रिलेशंस’ के पहले मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) के रूप में टिम थॉमस की नियुक्ति की घोषणा की।

रिनेवेबल एनर्जी में भारत की होगी बड़ी भूमिका: अल्बनीज

उन्होंने कहा कि ‘भारत ‘ग्लोबल साउथ’ में नेतृत्व प्रदान करने के लिए एक बेहतर स्थिति में है। भारत को केंद्र में रखे बिना जलवायु चुनौतियों का समाधान नहीं हो सकता है। ऑस्ट्रेलिया अपने स्थान को देखते हुए एक रिनेवेबल एनर्जी महाशक्ति बन जाएगा। भारत भी बनेगा, और इसलिए सहयोग करने और एक साथ काम करने के लिए बहुत अच्छे अवसर हैं।’ उन्होंने कहा, ‘भारत के लिए 2030 तक 500 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता स्थापित करने संबंधी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के महत्वपूर्ण लक्ष्य का वैश्विक ऊर्जा परिवर्तन पर गहरा प्रभाव पड़ेगा।’

दोनों देशों के संबंध होंगे और अधिक प्रगाढ़: ऑस्ट्रेलियाई पीएम

अल्बनीज ने कहा, ‘ऑस्ट्रेलिया प्राकृतिक संसाधनों, महत्वपूर्ण पृथ्वी खनिजों से समृद्ध है जो अक्षय ऊर्जा के उत्पादन में मदद कर सकते हैं। इसलिए, यह साझेदारी भारत को बढ़ती ऊर्जा मांगों को पूरा करने में मदद करेगी।’ ‘सेंटर फॉर ऑस्ट्रेलिया-इंडिया रिलेशंस’ के बारे में बात करते हुए, अल्बनीज ने कहा कि यह ‘सरकारों, उद्योग, शिक्षा जगत और समुदाय के बीच ऑस्ट्रेलिया-भारत संबंधों की अधिक समझ बनाने के लिए काम करेगा।’

‘हिंद महासागर में भारत बड़ी महाशक्ति’

उन्होंने कहा, ‘दुनिया में (आज) भारत के बारे में नजरिया 1991 की तुलना में बहुत अलग है, जब मैंने पहली बार देश का दौरा किया था।’ अल्बनीज ने कहा कि भारत हिंद महासागर क्षेत्र में एक स्वाभाविक अगुआ है और दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था है। उन्होंने कहा, ‘भारत और ऑस्ट्रेलिया स्वाभाविक साझेदार हैं। बेहतर भविष्य के लिए हम एक साथ मिलकर और अधिक प्रयास कर सकते हैं।’

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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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