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Holi festival 2023 how the shopkeeper can do profitable business on holi due to inflation

निखिल त्यागी

सहारनपुर. रंगों का त्योहार होली बहुत उत्साह के साथ मनाया जाता है. इस दिन बच्चों से लेकर बड़े तक रंगों से सराबोर होते हैं. भारत में अलग-अलग क्षेत्र में विभिन्न तरीके से होली खेली जाती है. रंग गुलाल से होली खेलने की पुरानी परंपरा है. फूलों से होली खेलना सभ्यता का प्रतीक है. उत्तर प्रदेश के मथुरा-वृंदावन में लठमार होली खेलने का प्रचलन है. पहले के समय में लोग 10 से 15 दिन पहले ही रंगों से होली खेलना शुरू कर देते थे. लेकिन, अब इसमें समय के साथ बदलाव हो रहा है.

अब त्योहार से एक दिन पहले ही लोग रंग और गुलाल खरीदते हैं. पहले की अपेक्षा दुकानदारों की भी बिक्री कम हुई है. बच्चों का पिचकारी खेलना कम हो गया. साथ ही आज का युवा भी रंगों के त्योहार पर अधिकतर होली खेलकर औपचारिकता पूरी करता है. इसका सीधा असर व्यापारियों पर पड़ता है. व्यापारियों के अनुसार इसका एक कारण महंगाई है. पहले की अपेक्षा रंग, गुलाल और पिचकारी के मूल्य लगातार बढ़ रहे हैं. इनके मूल्य में प्रतिवर्ष 10 से 15 प्रतिशत वृद्धि होती है.

होली के त्योहार पर अब उत्साह नहीं दिखता

व्यापारी अमित गुप्ता ने बताया कि पिछले चार-पांच वर्षों में होली के त्योहार पर रंग-गुलाल और पिचकारी की बिक्री पर काफी असर हुआ है. पहले जहां त्योहार से 15 दिन पूर्व रंग, गुलाल व पिचकारी की बिक्री शुरू हो जाती थी. अब लोग एक दिन पहले होली खेलने के लिए पिचकारी, आदि खरीदते हैं. उन्होंने बताया कि आज के समय में इंसान की व्यस्तता भी इसका एक मुख्य कारण बन गई है. होली खेलना अब लोगों ने अपने समय के हिसाब से शुरू कर दिया है.

अमित गुप्ता के अनुसार पहले की तरह अब होली खेलने को लेकर लोगों के मन में उत्साह नजर नहीं आता. उन्होंने बताया कि इसका सीधा-सीधा असर व्यापारियों पर भी देखने को मिल रहा है.

महंगाई भी है एक प्रमुख कारण

उन्होंने बताया कि होली के त्योहार पर बिकने वाले उत्पाद के मूल्य में वृद्धि होना भी इसका एक कारण है. अब पहले की अपेक्षा रंगों से होली खेलना या बच्चों के द्वारा पिचकारी खरीदना महंगा हो गया है. उन्होंने बताया कि प्रति वर्ष रंग, गुलाल में पिचकारी पर 10 से 15 फीसदी मूल्य वृद्धि हो रही है. बढ़ती महंगाई के कारण भी होली के पर्व पर रंग फीके नजर आते हैं. उन्होंने बताया कि पिछले 10 वर्षों की यदि बात की जाए तो अब 50 प्रतिशत ही होली के उत्पाद बाजार में बिकते हैं. इस महंगाई के कारण व्यापारियों की बिक्री पर प्रतिकूल असर देखने को मिला है.

Tags: Holi festival, Holi news, Saharanpur news, Up news in hindi


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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