परिवार ने सड़क पर शव रखकर दो घंटे तक किया प्रदर्शन, तीन महीने पहले ही हुई थी शादी | The family demonstrated for two hours keeping the dead body on the road, the marriage took place only three months ago

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सतना10 मिनट पहले
सतना के बीएसएफ जवान की असम में मौत हो गई है। बुधवार को जवान की पार्थिव देह गृह ग्राम पहुंची तो यहां हंगामा खड़ा हो गया। परिजनों ने बेटे की हत्या का संदेह व्यक्त करते हुए शव का अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया। परिजनों ने ग्रामीणों के साथ मिलकर शव को सड़क पर रखकर प्रदर्शन किया। घंटों चले हंगामे के बाद सतना में भी दोबारा पीएम कराने की बात पर सहमति बनने के बाद शव को जिला अस्पताल भेजा गया।
सतना जिले के ग्राम भाद में रहने वाले बीएसएफ के कांस्टेबल अतुल सिंह पिता विनोद सिंह (32) की 5 मार्च को असम में मौत हो गई। विनोद 31वीं बटालियन की चार्ली कंपनी में थे और उनकी पोस्टिंग असम के डोंगरी क्षेत्र में थी। अतुल का शव होली की सुबह जब उनके गृह ग्राम भाद पहुंचा तो उसे देखकर परिजनों और ग्रामीणों ने हत्या का संदेह व्यक्त करना शुरू कर दिया। अतुल की गर्दन पर पीछे तरफ एक छोटा सा छेद था, जबकि सामने की तरफ एक बड़ा छेद था, जिसे लोग गोली का निशान बता रहे थे।
अतुल के पिता का कहना था कि उन्हें पहले तो हार्ट अटैक से मौत होने की जानकारी दी गई थी, फिर जब उन्होंने अन्य लोगों से संपर्क किया तो आत्महत्या की कहानी बताई गई थी। शव के साथ आए सैन्य अफसर ने भी इस मामले में ज्यादा जानकारी होने से इनकार करते हुए परिजनों को आत्महत्या की ही बात बताई थी, लेकिन जब शव यहां ताबूत से निकाला गया तो गर्दन पर दिखे छेद ने हार्ट अटैक और सुसाइड की गुत्थी के बीच हत्या के संदेह ने जन्म ले लिया।
अतुल की पत्नी नेहा भी बीएसएफ में हेड काॅन्स्टेबल है और दिल्ली में एनएसजी ट्रेनिंग सेंटर में पदस्थ हैं। असम में सेना के अधिकारियों से जब उन्होंने संपर्क किया था तो पहले तो उन्हें भी तबीयत बिगड़ने की बात बताई गई और जब उन्होंने खुद असम पहुंचने की बात कही तो सेना के अफसरों ने उन्हें गृह ग्राम पहुंचने के लिए कह दिया। पत्नी नेहा, पिता विनोद और मां विमला सिंह समेत परिवार के अन्य तमाम सदस्यों और ग्रामीणों ने सुसाइड की बात पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि क्या कोई इंसान राइफल से अपनी गर्दन के पिछले हिस्से में गोली मार कर आत्महत्या कर सकता है?
परिजनों का कहना था कि जब उन्हें डेड बॉडी की तस्वीर दिखाई गई थी तो उसमे राइफल पीछे पड़ी थी। उनका आरोप है कि अतुल की हत्या बटालियन में ही किसी ने की है, जिसे अब आत्महत्या का रूप दिया जा रहा है। इन तमाम सवालों के बीच परिजनों ने अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया। गांव के तमाम लोग दिवंगत जवान के घर के बाहर शव के इर्द-गिर्द जमा हो गए। इसी बीच रैगांव विधायक कल्पना वर्मा और भाजपा की जिला महामंत्री प्रतिमा बागरी भी वहां पहुंच गईं। कानून व्यवस्था के लिहाज से सीएसपी महेंद्र सिंह, टीआई सिविल लाइन अर्चना द्विवेदी भी भारी पुलिस बल के साथ भाद पहुंच गए।

परिजन मांग पर अड़ गए कि शव का सतना में दोबारा पीएम कराया जाए। हत्या की एफआईआर दर्ज की जाए और अतुल की मौत की सीबीआई जांच कराई जाए। मामला सेना से जुड़ा होने के कारण प्रशासन ने इस पर असमर्थता जताते हुए हाथ खड़े कर दिए। नाराज ग्रामीण शव लेकर सड़क पर आ गए और प्रदर्शन करने लगे। सड़क पर लगभग एक घंटे से अधिक समय तक चले प्रदर्शन के दौरान भी बातचीत का सिलसिला जारी रहा। बाद में शव का सतना में दोबारा पीएम कराए जाने पर दिवंगत जवान अतुल की पत्नी नेहा ने सहमति दी। जिसके बाद शव को जिला अस्पताल भेजा गया, जहां चार डॉक्टरों की टीम ने पोस्टमार्टम किया।
सीएसपी महेंद्र सिंह का कहना है कि सेना ने फॉरेंसिक टीम से पीएम कराने के बाद ही शव भेजा था, फिर भी परिजनों की मांग पर दोबारा पीएम कराया गया है। पीएम रिपोर्ट आने के बाद आवश्यक होने पर सेना के अधिकारियों से भी संपर्क कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

दिसंबर में हुई थी शादी
बीएसएफ में बतौर कांस्टेबल पदस्थ अतुल सिंह का विवाह नेहा से हुए अभी महज तीन महीने ही हुए थे। दिसंबर में ही दोनों परिणय सूत्र में बंधे थे। नेहा भी बीएसएफ में हैं और बतौर हेड कांस्टेबल इन दिनों दिल्ली में पदस्थ हैं। अतुल ने 2015 में बीएसएफ जॉइन की थी। जब उन्हें पत्नी भी फौजी मिली तो लोग उनके जोड़े की मिसाल देते थे। अतुल अपने माता पिता के इकलौते बेटे थे। उनकी छोटी बहन की शादी हो चुकी है। अब अपने बूढ़े- माता पिता का वही सहारा थे। पिता ने बताया कि उनकी 4 मार्च को ही रात 8 बजे बेटे से बात हुई थी। वह ठीक था, उससे बातचीत में ऐसा कुछ लगा ही नहीं कि उसके पास आत्महत्या का कोई कारण है। 6 मार्च को जब फोन आया और उन्हें हार्ट अटैक की बात बताई गई तो उन्हें यकीन ही नहीं हुआ। उन्होंने कुछ अन्य लोगों से संपर्क किया तो लोग आत्महत्या की कहानी बताने लगे। उन्होंने कहा वे अपने बेटे के लिए शहीद का दर्जा और न्याय चाहते हैं।






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