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Holi 2023 at the shrine of deva sharif in barabanki hindu and muslim play holi together

संजय यादव

बाराबंकी. मध्य प्रदेश के बाराबंकी जनपद में एक ऐसी मजार है जहां होली के त्योहार पर सभी धर्मों के लोग एक साथ रंगों में रंगे नजर आते हैं. आपने मथुरा, काशी, बरसाना की होली देखी होगी. लेकिन, किसी मजार पर लोगों को गुलाल और फूलों की अनोखी होली खेलते नहीं देखा होगा. बाराबंकी के देवा शरीफ स्थित मजार पर सभी धर्मों के लोग मिलकर होली खेलते हैं.

यह मजार सूफी संत हाजी वारिस अली शाह की है. यहां की होली काफी प्रसिद्ध है. यहां देश-प्रदेश के सभी धर्मों को मानने वाले लोग होली खेलने के लिए आते हैं. होली के रंग का कोई मज़हब नहीं होता है. सदियों से रंगों की कशिश हर किसी को अपनी तरफ खींचती रही है. होली के रंग में सराबोर होने के लिए देश भर से सूफी संत हाजी वारिस अली साह के मुरीद देवा शरीफ आते हैं. इस आयोजन में सभी धर्मों के लोग बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेते हैं. होली के दिन यहां सभी धर्मों के लोग एक-दूसरे को रंग लगाते हैं.

गाजे-बाजे के साथ निकाला जाता है जुलूस

होली के दिन देवा शरीफ़ से गाजे-बाजे के साथ जुलूस निकाला जाता है. इसमें लोग नाचते गाते कौमी एकता गेट से दरगाह पर पहुंचते हैं. यहां देश के कोने-कोने से आए हुए सभी धर्मों के लोग जमकर रंग खेलते हैं. कहा जाता है कि सूफी संत हाजी वारिस अली शाह के चाहने वाले सभी धर्म के अनुयायी थे. इसलिए हाजी साहब हर धर्म के त्योहार में बराबर भागीदारी करते थे. वो अपने हिंदू शिष्यों के साथ होली खेल कर सूफी परंपरा का इजहार करते थे. उनके निधन के बाद यह परंपरा आज भी जारी है.

लोगों का कहना है कि इस दरगाह पर सबसे ज्यादा हिंदू और मुस्लिम समाज के लोग होली खेलने आते हैं और जमकर गुलाल उड़ाते हैं. वो एक-दूसरे के गले लग कर मुबारकबाद देते हैं और भाईचारे की अनूठी मिसाल पेश करते हैं.

Tags: Barabanki News, Hindu-Muslim, Holi festival, Up news in hindi


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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