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Delhi is not among top ten most polluted cities in Asia these Indian cities are included

सौरभ वर्मा 

नई दिल्‍ली. अपनी खराब आबो हवा के लिए सुर्खियों में आने वाली दिल्‍ली (New Delhi) इस बार एशिया के टॉप टेन सबसे प्रदूषित (Air Pollution) शहरों की सूची में शामिल नहीं हुई. विश्व वायु गुणवत्ता सूचकांक (Air Pollution AQI Level) के आधार पर सोमवार को उपलब्ध आंकड़ों में चीन से 5, मंगोलिया से 1 और अन्‍य चार शहर भारत से थे. नवीनतम आंकड़ों में गिफ्ट सिटी, गांधीनगर (Gandhi nagar) गुजरात में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 724 के साथ प्रदूषण स्तर खतरनाक स्तर तक पहुंच गया, जो सूची में सबसे अधिक है. इस रिपोर्ट को दाखिल करते समय, गांधीनगर के बाद पान बाजार, गुवाहाटी (665), खिंडीपाड़ा-भांडुप पश्चिम, मुंबई (471) और भोपाल चौराहा, देवास (315) का स्थान रहा.

रिपोर्ट में कहा गया है कि इस सर्दी में दिल्‍ली-एनसीआर में हवा अपेक्षाकृत बेहतर हुई है और 2018 के बाद इस बार सबसे साफ हवा देखी गई है. यूएस-ईपीए 2016 मानक द्वारा परिभाषित इंडेक्स स्केल के अनुसार 0 और 50 के बीच AQI को ‘अच्छा’, 51-100 ‘मध्यम, 101-150 संवेदनशील समूहों के लिए अस्वास्थ्यकर, 151-200’ अस्वस्थ, 201-300 ‘बहुत अस्वस्थ’ और 300+ ‘खतरनाक’ माना जाता है. सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (CSE) ने वायु प्रदूषण के स्तर के अपने नवीनतम विश्लेषण में दावा किया कि 2018 में बड़े पैमाने पर निगरानी शुरू होने के बाद से इस सर्दी में दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में सबसे साफ हवा देखी गई है. सीएसई की रिपोर्ट में कहा गया है क‍ि 2007 में शुरू हुई विश्व वायु गुणवत्ता सूचकांक परियोजना का उद्देश्य नागरिकों के लिए वायु प्रदूषण जागरूकता को बढ़ावा देना और एकीकृत और विश्वव्यापी वायु गुणवत्ता की जानकारी प्रदान करना है.

बीते 5 सालों मेंं इस बार दिल्‍ली की हवा सबसे साफ
दिल्ली में वायु प्रदूषकों की सघनता अक्टूबर-जनवरी की अवधि के लिए 160 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर थी, जो कि 2018-19 में व्यापक पैमाने पर निगरानी शुरू होने के बाद से सबसे कम स्तर दर्ज किया गया है. इसमें कहा गया है कि ‘शहर में स्थित 36 सतत परिवेशी वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशनों (CAAQMS) स्टेशनों से औसत निगरानी डेटा द्वारा गणना की गई PM2.5 स्तर, 2018-19 की सर्दियों के मौसमी औसत की तुलना में 17 प्रतिशत कम थी. सबसे पुराने 10 स्टेशनों के सबसेट के आधार पर करीब 20 फीसदी का सुधार हुआ है. इसने यह भी कहा कि गंभीर या गंभीर से अधिक वायु गुणवत्ता वाले दिनों की संख्या पिछले पांच वर्षों में सबसे कम थी. रिपोर्ट में कहा गया है कि इस सर्दी में, लगभग 10 दिनों में शहर का औसत ‘गंभीर’ या बदतर श्रेणी में था, जो पिछली सर्दियों में 24 दिनों और 2018-19 की सर्दियों में 33 दिनों की तुलना में बहुत कम है.

Tags: Air pollution, Gandhinagar, Top Polluted City


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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