अजब गजब

गजब ये बिहारी बॉय! स्कूल में 2 बार फेल, चंद महीने में डूबी पहली कंपनी, अब कश्मीर से कन्याकुमारी तक कारोबार

हाइलाइट्स

मिस्बाह 29 साल की उम्र में ‘फोर्ब्स 30 अंडर 30’ लिस्ट में शामिल हुए.
शुरुआती असफलता के बाद 2021 में जार नाम से तीसरा बिजनेस वेंचर लॉन्च किया.
सितंबर 2013 में दोस्त के साथ मिलकर सोशल पेमेंट वेंचर Cibola की शुरुआत की.

Success Story: भारत में युवा उद्यमी तेजी से उभर रहे हैं. हैरानी की बात है कि इनमें ज्यादातर एन्टरप्रिन्योर 30 साल से कम उम्र के हैं. किसी ने अपने स्टार्टअप के लिए नौकरी छोड़ दी, तो किसी ने पढ़ाई. यंग एन्टरप्रिन्योर्स की ऐसी कई स्टोरीज के बारे में पढ़ चुके होंगे. हम आपको आज एक नए युवा उद्यमी की सक्सेस स्टोरी बताने जा रहे हैं, जिसने कम उम्र में अपने जज्बे और जुनून से बड़ी सफलता हासिल की. कभी स्कूल में दो बार फेल होने के बाद बिहार के मिस्बाह अशरफ (Misbah Ashraf) अब 2463 करोड़ रुपये की फिनटेक कंपनी के मालिक हैं.

बिहार से तालुक रखने वाले मिस्बाह अशरफ बार-बार मिली नाकामयाबी से हारे नहीं. अपनी तमाम कोशिशों की बदौलत आखिरकार उन्हें सफलता मिली और वे महज 29 साल की उम्र में फोर्ब्स के ‘फोर्ब्स 30 अंडर 30’ लिस्ट में शामिल हो गए. आइये जानते हैं आखिर मिस्बाह अशरफ ने ये मुकाम कैसे हासिल किया.

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4 महीने में बंद हुई पहली कंपनी
बिहार के नालंदा जिले से आने वाले मिस्बाह अशरफ की परवरिश एक मिडिल क्लास फैमिली में हुई. बचपन से ही मिस्बाह की ख्वाहिश जिंदगी में कुछ बड़ा करने की थी और इसकी शुरुआत उन्होंने कम उम्र में ही काम करके शुरू कर दी. मिस्बाह कॉलेज गए लेकिन पहले ही साल में ड्रॉप कर दिया. उन्होंने आईआईटी दिल्ली के अपने दोस्त के साथ मिलकर सितंबर 2013 में सोशल पेमेंट वेंचर Cibola की शुरुआत की.

हालांकि, कुछ महीनों के बाद कंपनी बंद हो गई. इसके 4 साल बाद उन्होंने मार्सप्ले नाम से एक और स्टार्ट-अप लॉन्च किया, जिसमें मिस्बाह को जबरदस्त सफलता मिली और उन्होंने कंपनी का अधिग्रहण कर लिया. लेकिन, कोरोना काल के दौरान कंपनी को काफी नुकसान हुआ इसलिए उन्होंने इसे बेच दिया.

कोरोना काल वाले बिजनेस ने दिलाई बड़ी सफलता
वहीं, जब देश में कोरोना महामारी की दूसरी लहर अपने चरम पर थी मई 2021 में उन्होंने जार नाम से अपना तीसरा बिजनेस वेंचर लॉन्च किया. इस स्टार्टअप का कॉन्सेप्ट बचत और निवेश करना है. महज 18 महीने में इसके 11 मिलियन यूजर्स हो गए. वहीं, कंपनी अगले 5 वर्षों में यूजर बेस को बढ़ाकर 5 करोड़ तक पहुंचाना चाहती है. इस फिनटेक फर्म ने 58 मिलियन डॉलर की फंडिंग जुटाई थी.

मिस्बाह ने कॉलेज छोड़ने के बाद पल्स.क्यूए (वाईसी), परस्यूट, टॉयमेल (वाईसी), स्पैंगल आदि कंपनियों में काम किया. जार ऐप की मदद से आप छोटी बचत कर भी सोने में निवेश कर सकते हैं. जार के एक्टिव देशभर में हैं. खास बात है कि इस स्टार्टअप के आधे से ज्यादा यूजर टीयर वन शहरों के हैं. कंपनी का हेडऑफिस बेंगलुरु में है.

Tags: Fintech market, Indian startups, New Business Idea, Success Story


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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