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अगरतला: पूर्वोत्तर में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के मुख्य संकटमोचक हिमंत बिस्बा शर्मा को त्रिपुरा में मुख्यमंत्री पद पर आम सहमति का उम्मीदवार बनाने के लिए पार्टी की स्थानीय इकाई के भीतर ‘‘गुटबाजी’’ को खत्म करने के वास्ते राज्य में भेजे जाने की खबरें हैं. पार्टी के सूत्रों ने बताया कि एक पक्ष निवर्तमान मुख्यमंत्री माणिक साहा के पक्ष में है, जबकि पूर्व मुख्यमंत्री बिप्लब देब के समर्थकों वाला एक अन्य गुट केंद्रीय मंत्री प्रतिमा भौमिक के पक्ष में है.

पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि विधायक दल के नेता का चुनाव करने के लिए भाजपा के नव निर्वाचित विधायकों की एक बैठक होगी लेकिन अभी इसकी तारीख तय नहीं है. भाजपा ने 60 सदस्यीय विधानसभा में 32 सीटें जीतकर स्पष्ट बहुमत हासिल किया है, जबकि उसके सहयोगी दल आईपीएफटी ने एक सीट जीती है. राज्य विधानसभा चुनाव के लिए मतदान 16 फरवरी को हुआ था तथा नतीजों की घोषणा दो मार्च को की गई.

पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय नेतृत्व साहा के पक्ष में है, क्योंकि वह अभी तक विवादों से दूर रहे हैं. इसके साथ ही वह आदिवासी बहुल इलाकों के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध बनाने में अहम भूमिका निभा सकते हैं, जिन्होंने ग्रेटर टिपरालैंड राज्य की मांग को लेकर व्यापक पैमाने पर टिपरा मोथा को वोट दिया.

बताया जाता है कि भाजपा नेता 8 मार्च को शपथ ग्रहण समारोह के लिए तैयारियों को अंतिम रूप देने के वास्ते जल्द बैठक करेंगे. शपथ ग्रहण कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के भाग लेने की संभावना है.

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वहीं सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री प्रतिमा भौमिक ने आसान अंतर से धनपुर विधानसभा सीट से जीत हासिल की है. जब बिप्लब देब के स्थान पर पिछले साल 14 मार्च को साहा को मुख्यमंत्री बनाया गया था तो मंत्री राम प्रसाद पॉल की अगुवाई में भाजपा विधायकों के एक समूह ने पार्टी विधायकों की बैठक में गुस्सा जताया था.

राजनीतिक विश्लेषक और वरिष्ठ पत्रकार शेखर दत्ता का मानना है कि भौमिक को समझौते के तौर पर उपमुख्यमंत्री बनाया जा सकता है. उन्होंने कहा, ‘यह बात समझनी होगी कि भाजपा ने साहा के नेतृत्व में मुश्किल हालात में चुनाव लड़ा और जीता. केंद्रीय गृह मंत्री ने भी अपने अभियान के दौरान साहा को मुख्यमंत्री पद का चेहरा बताया था. इसलिए इसकी संभावना कम है कि भाजपा साहा के बजाय कोई नया मुख्यमंत्री लाएगी.’

इस बीच, पश्चिमी त्रिपुरा जिले में बनमालीपुर विधानसभा क्षेत्र के भाजपा मंडल अध्यक्ष दीपक कार ने हाल में संपन्न विधानसभा चुनावों में पार्टी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष राजीब भट्टाचार्य की हार के लिए जिम्मेदार होने के आरोपों के बीच इस्तीफा दे दिया है. बनमालीपुर विधानसभा क्षेत्र भाजपा का गढ़ माना जाता है. बिप्लब कुमार देब ने 2018 के विधानसभा चुनाव में इस सीट से कांग्रेस प्रत्याशी गोपाल चंद्र रॉय को 12,000 मतों से हराया था.

इस बार भाजपा उम्मीदवार राजीब भट्टाचार्य कांग्रेस उम्मीदवार गोपाल चंद्र रॉय से 1,369 मतों के अंतर से चुनाव हार गए. भट्टाचार्य की हार के बाद से ही मंडल अध्यक्ष (दीपक कार) पर इस्तीफा देने का दबाव बढ़ गया था. भट्टाचार्य ने कहा, ‘मैंने सुना है कि बनमालीपुर मंडल अध्यक्ष दीपक कार ने पद से इस्तीफा दे दिया है लेकिन अभी तक मुझे पत्र नहीं मिला.’

Tags: BJP, Himanta biswa sarma, Tripura Assembly Election, Tripura Politics


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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