Self-help group submits memorandum to fulfill 12-point demands, then warns of strike | स्व सहायता समूह ने 12 सूत्रीय मांगों को पूरी करने सौंपा ज्ञापन, फिर हड़ताल की चेतावनी

हरदा20 मिनट पहले
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भास्कर संवाददाता | हरदा
महिला स्व सहायता समूह की हड़ताल के कारण जिले के स्कूलों में बच्चों को कई दिनों तक मध्याह्न भोजन नहीं मिल पाया था। बच्चों के खाने के लिए स्कूल शिक्षकों को वैकल्पिक व्यवस्था करनी पड़ी थी, ताकि बच्चों को खाने में कुछ ना कुछ दिया जा सके। अब फिर बच्चों के मध्याह्न भोजन पर संकट गहराने वाला है। प्रांतीय महिला स्व सहायता समूह महासंघ मप्र ने 12 सूत्रीय मांगों को जल्द पूरी करने कलेक्टर ऋषि गर्ग के नाम कलेक्ट्रेट में गुरुवार को ज्ञापन दिया। महिला स्व सहायता समूह जिला अध्यक्ष सुनीता डोले ने बताया 12 सूत्रीय मांगों को शीघ्र पूरा करने और आंगनबाड़ी एवं स्कूलों में महिला स्व सहायता समूहों के माध्यम से दिया जाने वाले भोजन, नाश्ता बंद करने के लिए ज्ञापन दिया। प्रांतीय महिला स्व सहायता समूह महासंघ मप्र के बैनर तले समस्त स्व सहायता समूहों एवं रसोइया बहनों ने 12 सूत्री मांगों के निराकरण के लिए अगस्त में अनिश्चितकालीन हड़ताल चूल्हा बंद आंदोलन किया था। शासन द्वारा मांगों के निराकरण का आश्वासन दिए जाने के उपरांत चूल्हा बंद अनिश्चितकालीन हड़ताल स्थगित की थी, लेकिन सिर्फ 1 मांग ही पूरी की। शेष पूरी ना होने के कारण स्थगित हड़ताल पुनः 25 सितंबर से शुरू करने का निर्णय लिया है।
प्राथमिक शाला में प्रति छात्र भोजन पकाने की लागत दर 5.45 पैसे की जगह 10 रुपए की जाए एवं खाद्यान्न 100 ग्राम की मात्रा से बढ़ाकर 200 ग्राम की जाए। माध्यमिक शाला में प्रति छात्र भोजन दर 8.17 पैसे की जगह 15 रुपए की जाए एवं खाद्यान्न 150 ग्राम से बढ़ाकर 300 ग्राम की जाए। पीएम पोषण आहार एवं महिला बाल विकास विभाग द्वारा स्व सहायता समूह को वर्तमान में 60% की दर से भुगतान किया जा रहा है पोर्टल छात्र संख्या अनुसार 100% के मान से भुगतान किया जाए। गैस सिलेंडर अधिक महंगा होने के कारण मध्याह्न भोजन संचालित समूह के खाते में 25 बच्चों के मान से रिफंड किया जाए। करीब 2002 से संचालित मध्याह्न भोजन में कार्यरत स्व सहायता समूह को परमानेंट किया जाए। आंगनबाड़ी केंद्रों में कार्यरत रसोइया बहनों का मानदेय 500 से बढ़कर 2000 रुपए प्रतिमा दिया जाए सहित अन्य मांग शामिल हैं।
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