Jat community showed strength | गैंगस्टर हरेन्द्र राणा की तिरंगा यात्रा के बहाने राजनीतिक एंट्री, चुनाव में बिगड़ सकते हैं समीकरण

ग्वालियर35 मिनट पहले
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तिरंगा यात्रा के दौरान सुपावली गांव में सरपंच ने हरेन्द्र राणा को फलों से तौला।
ग्वालियर ग्रामीण विधानसभा में विधानसभा चुनाव से पहले जाट समाज ने ताकत दिखाते हुए तिरंगा यात्रा निकाली। तिरंगा यात्रा में जाट समाज की ओर से हरेन्द्र राणा को चेहरा बनाया गया है। हरेन्द्र राणा की गिनती कभी टॉप गैंगस्टर व शार्प शूटर के रूप में हुआ करती थी। कई सनसनीखेज हत्याकांड में भी उसका नाम आया। पुलिस ने शॉर्ट एनकाउंटर में उसे गिरफ्तार भी किया था। अब हरेन्द्र कुछ मामलों में बरी हैं और कुछ में जमानत पर बाहर है। अब हरेन्द्र एक नई दिशा की ओर चल पड़ा है। इस तिरंगा यात्रा के जरिए उसने राजनीति जीवन में एंट्री की है।
15 अगस्त को निकाली गई तिरंगा यात्रा में 700 के लगभग कार, ट्रैक्टर व दो पहिया वाहन शामिल हुए हैं। हरेन्द्र राणा को ग्वालियर ग्रामीण के दर्जन से अधिक गांव में जनता का बेहद प्यार मिला है। कहीं उसे लोगों ने फलों से तोला तो कहीं स्वागत किया गया है। 15 से 20 किलोमीटर की तिरंगा यात्रा सुनारपुरा बगिया से जिगनिया से जखारा सिद्ध बाबा की पहाड़िया पर समाप्त हुई। हरेन्द्र राणा की यह तिरंगा यात्रा के बहाने जाट समाज ने एकजुट होकर संदेश दे दिया है कि उनकी अनदेखी चुनाव में समीकरण बिगाड़ सकती है।

तिरंगा यात्रा के दौरान खुली जीप में सवार हरेन्द्र
समाजसेवा के पथ पर हरेन्द्र राणा
अखिल भारतीय जाट महासभा के युवा अध्यक्ष प्रिंस राणा, जिलाउपाध्यक्ष रवीन्द्र सिंहर राणा ने बताया कि 15 अगस्त को जब पूरा देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा था, तो जाट समाज कैसे पीछे रह सकती थी। यही कारण है कि जाट समाज ने अन्य सभी समाजों को साथ लेकर विशाल तिरंगा यात्रा निकाली है। यह तिरंगा यात्रा हरेन्द्र राणा के नए जीवन पर भी आधारित है। हरेन्द्र राणा ने ठान लिया है कि अब वह समाजसेवा करेंगे और लोगों के लिए जिएंगे। हरेन्द्र राणा को मुखिया और जाट समाज का एक मात्र चेहरा बनाकर युवाओं ने सुनारपुरा बगिया से एक विशाल तिरंगा यात्रा निकाली है। यह यात्रा हाइवे के नीचे से विभिन्न गांव में होते हुए जिगनिया और वहां से जखारा के सिद्ध बाबा मंदिर पर पूरी हुई है। इस यात्रा में हरेन्द्र राणा और जाट समाज के युवा चेहरे को आमजन का खूब प्यार व आशीर्वाद मिला है।

तिरंगा यात्रा में सात सैकड़ा से अधिक वाहन हुए शामिल
हरेन्द्र राणा को फलों से तोला गया
जब तिरंगा यात्रा सुपावली पहुंची तो वहां सुपावली सरपंच विक्रम राणा व गांव के लोगों ने हरेन्द्र राणा के काफिले को हाथों-हाथ लिया और हरेन्द्र को फलों से तौला गया। बाद में यह फल आम लोगों में बंटवा दिए गए। इसके बाद जखारा गांव के सरपंच रघु उर्फ राघवेन्द्र राणा ने भी कुछ इसी तरह स्वागत किया। इसके अलावा गणेशुपरा, सोनी, बिजौली, जनारपुरा, स्यावरी, इकहारा, जिगनिया में तिरंगा यात्रा और युवा चेहरा हरेन्द्र राणा का स्वागत किया गया।
ग्वालियर ग्रामीण विधानसभा में बिगाड़ सकते हैं समीकरण
आगामी दो महीने बाद मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव हैं। ग्वालियर ग्रामीण विधानसभा में यह तिरंगा यात्रा निकालकर जाट समाज व हरेन्द्र राणा ने संकेत दे दिया है कि यदि जाट समाज को हल्के में लिया गया तो चुनावी समीकरण बिगाड़ने में देर नहीं लगेगी। जब इस मामले में हरेन्द्र राणा से बात की गई तो उनका कहना है कि उनका चुनाव लड़ने का इरादा नहीं है। वह समाजसेवा करने आए हैं। उसके लिए हमेशा तत्पर हैं। उनका उद्देश्य सिर्फ समाजसेवा करना था है और रहेगा। उनकी छवि जो बना रही है, उसे भी वह बदलना चाहते हैं।
700 के लगभग वाहन हुए शामिल
बताया गया है कि तिरंगा वाहन यात्रा में 100 ट्रैक्टर, 400 कार व दो के लगभग दो पहिया वाहन शामिल हुए हैं। तिरंगा यात्रा का पहला वाहन और आखिरी बाहर में करीब एक किलोमीटर की दूरी थी। सैकड़ों लोग इस यात्रा में शामिल हुए हैं।
कौन है हरेन्द्र राणा?
ग्वालियर सहित मध्य प्रदेश व उत्तर प्रदेश में हरेन्द्र राणा किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं। हरेन्द्र राणा का नाम गैंगस्टर व शार्प शूटर में गिना जाता है। हरेन्द्र ग्वालियर जेल से 4 जुलाई 2023 को जमानत पर बाहर आए हैं। बताया जा रहा है कि हरेंद्र राणा के खिलाफ 40 से अधिक मुकदमे दर्ज थे। अब सिर्फ 16 मुकदमे विचाराधीन हैं। शेष सभी में आरोपों से बरी हो चुका है। हरेंद्र राणा नया नाम नहीं है। पूर्व में जब भी किसी वारदात में उसका नाम आया है, उसकी धमक स्टेट की राजधानी तक पहुंची है। वर्ष 2012 में श्रीधाम एक्सप्रेस में पुलिस अभिरक्षा में सपा नेत्री शम्मी कोहली के हत्यारोपी मोहित भारद्वाज की हत्या हुई थी। साक्ष्यों के अभाव में हरेंद्र और साथी बरी हो गए थे। राणा को एत्मादपुर में एसटीएफ ने पकड़ा था। वर्ष 2013 में एपी एक्सप्रेस कांड हुआ था। अंधाधुंध फायरिंग करके बदमाश मथुरा में चलती ट्रेन से हरेंद्र और वीनेश को भगाकर ले गए थे। पुलिस कर्मी की मौत हुई थी। ग्वालियर में बिल्लू भदौरिया हत्याकांड सहित कई अपराध में उसका नाम है।
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