उज्जैन शहर भर के सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें कुछ लोग एक वानर का पूरे विधि विधान के साथ अंतिम संस्कार करते हुए दिखाई दे रहे हैं। यह लोग एक लाल कपड़े में वानर के शव को लेकर आए और उसके बाद विधिवत पूजा करके वानर के शव को दफनाकर अंतिम संस्कार किया गया। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस वीडियो और फोटो को लेकर जब सच्चाई जानने की कोशिश की गई तो पता चला कि यह वीडियो उज्जैन का ही है। साथ ही वानर की एक फोटो भी है जो चर्चा का विषय बनी हुई है। जिसमें वानर मंदिर में माता की मूर्ति के आगे दंडवत प्रणाम की मुद्रा में है। लोगों से पता करने पर बताया गया कि वानर की मौत मां बिजासन की चौखट पर हुई है। माता के दरबार में वानर ने दंडवत प्रणाम की मुद्रा में ही प्राण त्याग दिए।
बताया जाता है की छत्रीचौक क्षेत्र स्थित सिटी पोस्ट ऑफिस के पीछे मोचीवाड़ा में श्रवण कुमार उज्जैनिया वर्षों से निवास करते हैं। उनके घर अति प्राचीन मां बिजासन माता का मंदिर स्थित है, जहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु माता का पूजन अर्चन और दर्शन करने के लिए आते हैं। मंदिर में एक वानर अचानक पहुंचा जो कि पहले काफी देर तक मंदिर पर लगी ध्वजा के पास बैठा हुआ था। इस समय मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ थी, लेकिन जैसे ही उसे मौका मिला तो वह तुरंत मंदिर में पहुंचा और यहां उसने बिजासन माता को प्रणाम करने के बाद अपने प्राण त्याग दिए। मंदिर में बंदर की मौत को श्रद्धालुओं और पुजारी परिवार ने माता के एक भक्त की तरह समझा और पूर्ण विधि विधान के साथ बंदर को भूखी माता क्षेत्र में ले जाकर दफनाते हुए उसका अंतिम संस्कार किया।
बंदर की मौत के बाद विधि विधान से उसका अंतिम संस्कार किए जाने का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। इसमें कुछ लोग बंदर को दफनाने के साथ ही अन्य कार्य करते दिखाई दे रहे हैं। विनायक उज्जैनिया ने बताया कि हम वानर राज को हनुमान जी का स्वरूप मानते हैं। इसीलिए मंदिर में हुई इस घटना के बाद हम बंदर के शरीर को लाल रंग के कपड़े में लपेटकर भूखी माता क्षेत्र पहुंचे थे, जहां हमने एक गड्ढा खोदा और उसके बाद भावुकता के साथ बंदर का अंतिम संस्कार किया।