Election Commission on constitution of Shiv Sena said party is like a private estate – चुनाव आयोग ने शिवसेना के संविधान पर उठाए सवाल, कहा

नई दिल्ली. चुनाव आयोग (Election Commission) ने शुक्रवार को आदेश दिया कि ‘शिवसेना’ (Shiv Sena) का नाम और पार्टी का प्रतीक ‘धनुष और तीर’ एकनाथ शिंदे गुट के पास ही रहेगा. चुनाव आयोग ने उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) गुट को बड़ा झटका देते हुए कहा है कि शिवसेना का वर्तमान संविधान अलोकतांत्रिक है. यह बिना किसी चुनाव के पदाधिकारियों के रूप में एक मंडली के लोगों को अलोकतांत्रिक रूप से नियुक्त करने के चलते यह बिगड़ गया है. चुनाव आयोग ने कहा कि इस तरह की पार्टी संरचना, विश्वास हासिल नहीं कर सकती है.
चुनाव आयोग ने पाया कि शिवसेना के मूल संविधान में गुपचुप तरीके से अलोकतांत्रिक तरीकों को लाया गया, यानी ऐसे प्रावधान किए गए जिससे पार्टी निजी जागीर जैसी हो गई है. हालांकि इन्हीं तौर-तरीकों को चुनाव आयोग 1999 में नामंजूर कर चुका था, लेकिन इन्हें बाद में गुपचुप तरीके से शामिल किया गया. चुनाव अयोग ने साफ किया कि ऐसे में पार्टी भरोसा जगाने में असफल नहीं हो सकती. उद्धव खेमे के अरविंद सावंत ने कहा कि वे इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे. भाजपा महाराष्ट्र के अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने चुनाव आयोग के कदम को “लोकतंत्र की सबसे बड़ी जीत” बताया.
संजय राउत ने ट्वीट कर दी प्रतिक्रिया
चुनाव आयोग के फैसले पर शिवसेना सांसद संजय राउत ने ट्वीट किया- इसकी स्क्रिप्ट पहले से तैयार थी. देश तानाशाही की ओर बढ़ रहा है. हमें फिक्र करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि जनता हमारे साथ है. हम जनता के दरबार में नया चिह्न लेकर जाएंगे और फिर से शिवसेना खड़ी करके दिखाएंगे.
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Tags: Eknath Shinde, Election commission, Maharashtra, Shiv sena, Uddhav thackeray
FIRST PUBLISHED : February 17, 2023, 20:06 IST
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