मध्यप्रदेश

आज शाम तक का अल्टीमेटम, मांगें नहीं मानी तो कल से अनिश्चितकालीन हड़ताल की तैयारी पर डॉक्टर | Ultimatum till this evening, if the demands are not met, then the doctors on the preparation of indefinite strike from tomorrow

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शिवपुरी24 मिनट पहले

मध्यप्रदेश में सरकारी डॉक्टरों ने अपनी सात सूत्रीय मांगों को पूरा न होने पर अब हड़ताल पर जाने का मन बना लिया है। आज शिवपुरी में सरकारी डॉक्टरों ने मेडिकल कॉलेज सहित जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने आज काली पटटी बांध कर गुरुवार 16 फरवरी को सुबह 10 बजे से 12 बजे तक सांकेतिक हड़ताल कर काम बंद रखा।

आज जिला अस्पताल सहित मेडिकल कॉलेज में दो घंटे की सांकेतिक हड़ताल पर बैठे डॉक्टरों ने बताया कि आज अगर सरकार उनकी मांगें नहीं मानती है तो कल 17 फरवरी से सभी सरकारी डॉक्टर अनिश्चितकालीन काम बंद हडताल पर चले जायेंगे। ऐसे जिले की सभी स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित होंगी। जिला मुख्यालय पर भी मरीजों को मेडिकल कॉलेज सहित जिला अस्पताल में भी मिलने वाली स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित होंगी। इसकी जिम्मेदारी मध्यप्रदेश सरकार की होगी।

मेडिकल कॉलेज के डॉ आनंद ने जानकारी देते हुए बताया कि मध्यप्रदेश की डॉक्टर एसोसिएशन लगातार 10 वर्षों से अपनी प्रमुख मांगों को सरकार के सामने रखती आ रही है इसके बावजूद आज दिनांक तक सरकार ने उनकी कोई भी सुनवाई नहीं की। म.प्र. में स्वास्थ्य संस्थानों में चिकित्सकों के लिए प्रोत्साहन पूर्वक काम का माहौल न होने के कारण चिकित्सा संस्थानों से शासकीय चिकित्सक नौकरी छोड़ रहे हैं। वर्तमान स्थिति में शहरों से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक चिकित्सकों की कमी इसका प्रमाण है। स्वास्थ्य संस्थानों में प्रशासनिक हस्तक्षेप की निरंतर वृद्धि होती जा रही है।

ये हैं मांगे

स्वास्थ्य विभाग द्वारा अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय समीति का गठन हो, समिति की बैठक हर दो माह में हो। चिकित्सकों के संबंध में नीतिगत निर्णय लेने से पूर्व उक्त समिति की सहमति ली जाए। सेवा नियमों के अनुरूप पात्र चिकित्सकों को लाभ प्रदान किए जाएं जैसे समयमान वेतन मान पदोन्नति, पेंशन प्रकरण, शिकायत एवं विभागीय जांच की समय सीमा में समाप्ति आदि प्रमुख हैं। चिकित्सकों से संबंधित मुद्दों को समिति के माध्यम से निराकरण किया जाए। उच्चतम न्यायालय के निर्णय अनुसार चिकित्सकों का वेतन मान निर्धारण किया जाए और रिकवरी निरस्ती करण हेतु विभागीय आदेश जारी किए जाएं।

विभाग में पदस्थ संविदा चिकित्सकों को नियमित किया जाए। पीएससी परीक्षा में नीट प्रीपीजी परीक्षा की भांति उनकी सेवा वर्षो के अनुरूप अतिरिक्त अंक प्रदान कर चयन में प्राथमिकता प्रदान की जावे। स्वास्थ्य विभाग में तकनीकी तथा राज्य के पदों पर चिकित्सकों को पदस्थ किया जाए। डब्लूएचओ मापदंडों के अनुसार जिले में जन संख्या के अनुरूप चिकित्सा संस्थान में भर्ती पंलगों की संख्या बढ़ाई जाए और मानव संसाधन की नियुक्ति की जाए।

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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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