राजस्थान में मिले कॉपर के नये भंडार के संकेत, लाखों टन तांबा निकलेगा भीलवाड़ा में!

हाइलाइट्स
भीलवाड़ा जिले के चांदगढ़ इलाके में है ये कॉपर भंडार
खनिज विभाग 3500 मीटर ड्रिलिंग का कार्य करवा रहा है
लगभग 1.5 किमी से 2 किमी लंबाई में अथाह भंडार की है संभावना
जयपुर. कॉपर खनन के मामले में पहले से ही देश में नंबर वन स्टेट राजस्थान से फिर खुशखबरी आई है. राजस्थान खेतड़ी कॉपर माइंस के बाद अब भीलवाडा़ के चांदगढ़ में कॉपर के अथाह भंडार (Copper deposits) मिलने के संकेत मिले हैं. राजस्थान की खनिज खोज विंग को बहुत ही कम गहराई पर तांबे के बहुत अच्छे सेंपल्स मिले हैं. एक्सप्लोरेशन के शुरुआती दौर में ही आयरन के साथ ही कॉपर के भंडार मिलने के संकेत मिले हैं. विभाग की ओर से गत 22 अगस्त को भीलवाड़ा के चांदगढ़ (Chandgarh of Bhilwara) में आयरन के लिए 3500 मीटर ड्रिलिंग का कार्य आरंभ करवाया गया था. उसमें अधिकतम 100 मीटर गहराई के 35 बोर होल्स कार्य प्रगति पर है.
अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस एवं पेट्रोलियम डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि भीलवाड़ा के कोटडी तहसील के चांदगढ़ में आयरन और लोह अयस्क के एक्सप्लोरेशन के दौरान तांबा यानी कॉपर के भंडार मिलने के अच्छे संकेत मिले हैं. विभाग की आरएसएमईटी के माध्यम से भी चांदगढ़ गांव में आयरन ओर के लिए 3500 मीटर ड्रिलिंग का कार्य करवाया जा रहा है. ड्रिलिंग के दौरान अभी तक 3 बोर होल्स में तांबा और आयरन ओर इन्टसेक्ट हुआ है.
तांबे के भंडार के नमूने मिलना अच्छे संकेत
राजस्थान राज्य खनिज अन्वेषण ट्रस्ट की ओर से करवाये जा रहे ड्रिलिंग से क्षेत्र में स्टेटेजिक मिनरल मिलना एक बड़ी उपलब्धि के रूप में देखा जा रहा है. अभी तक की गई कोर ड्रिलिंग के कोर के अध्ययन से क्षेत्र में तांबा और आयरन ओर के प्रचुर भंडार की संभावनाएं हैं. शुरुआती अंवेषण और कोर ड्रिलिंग से मामूली गहराई 5-6 मीटर, 20-25 मीटर और 55-60 मीटर गहराई पर ही आयरन ओर के साथ ही तांबे के भंडार के नमूने मिलना अच्छे संकेत के रूप में देखा जा रहा है.
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कॉपर हमारे जीवन में प्रयोग होने वाली मुख्य धातु है
इस क्षेत्र में लगभग 1.5 किमी से 2 किमी लंबाई और लगभग 250 मीटर से 300 मीटर की चौड़ाई क्षेत्र में कॉपर खनिज की संभावना है. साथ ही क्षेत्र में 500 मीटर से 700 मीटर की गहराई पर छिद्रण कार्य किए जाने से खनिज कॉपर के वृहद भंडार मिलने की पूर्ण संभावना है. कॉपर हमारे जीवन में प्रयोग होने वाली मुख्य धातु है. विद्युत सुचालक होने के कारण इसका मुख्य उपयोग विद्युत उपकरण एवं विद्युत उद्योग में किया जाता है. मिश्रधातु के रूप में इसका उपयोग पीतल, कांसा तथा स्टेनलेस स्टील बनाने में प्रमुखता से किया जाता है.
देश में सर्वाधिक लगभग 54 प्रतिशत कॉपर के भंडार राजस्थान में हैं
माइंस निदेशक संदेश नायक ने बताया कि देश में सर्वाधिक लगभग 54 प्रतिशत कॉपर के भंडार राजस्थान में हैं. राजस्थान के बाद झारखंड और मध्यप्रदेश स्थान आता है. उन्होंने बताया कि भीलवाड़ा में आयरन ओर के साथ कॉपर के डिपोजिट मिलने की संकेत से आशा का संचार हुआ है. राज्य में कॉपर मुख्यतः झुंझुनू के खेतड़ी में पाया जाता है.
राजस्थान के इन इलाकों में पाया जाता है कॉपर
इसके अतिरिक्त झुंझुनूं के ही मदान-कुदान-कोलिहान, बनवास अकवाली, सिंघाना-मुरादपुर, देवपुरा- बनेड़ा बेल्ट भीलवाड़ा, डेरी-बसंतगढ़ सिरोही, खो-दरिबा खेड़ा, मुण्डियावास अलवर और अंजनी, बेडावल चाटी-मानपुरा जिला उदयपुर में भी कॉपर के भंडार पाये गए हैं. आरएसएमईटी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एनपी सिंह ने बताया कि इस क्षेत्र में साइन्टिफिक और आधुनिक तकनीक से अन्वेषण कार्य तथा अधिक गहराई में ड्रिलिंग कराने के लिए प्रस्ताव तैयार कर लिये गये हैं ताकि तांबा और आयरन ओर के प्रचुर भंडार सुनिश्चित किये जा सकें.
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Tags: Bhilwara news, Jaipur news, Minerals, Rajasthan news
FIRST PUBLISHED : December 11, 2022, 17:30 IST
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