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ठेका निरस्त होने के बाद भी आंनदेश्वर कंपनी कर रही थी अवैध उत्खनन / चंदला, लसगरहा, देवीखेड़ा और हंसपुरा में छापेमार कार्यवाहियां /500 ट्रक बालू जब्त, 2 लिफ्टर पकड़े, माफिया भागे

छतरपुर। सरकार को लगभग 26 करोड़ का चूना लगाकर छतरपुर जिले का रेत ठेका छोडऩे वाली आंनदेश्वर एग्रो प्राइवेट लिमिटेड चोरी छिपे रेत का अवैध उत्खनन कर रही थी। यूपी की इस रेत ठेकेदार कंपनी के माफियाओं ने चंदला क्षेत्र में अवैध रेत उत्खनन के लिए बकायदा नदियों में लिफ्टर लगा रखे थे। लगातार मिल रहीं अवैध उत्खनन की शिकायतों के बाद आखिरकार शुक्रवार को कलेक्टर शीलेन्द्र के निर्देश पर राजस्व, पुलिस और खनिज विभाग की टीमों ने इस क्षेत्र की चार खदानों पर छापेमार कार्यवाही की।
50 लाख की अवैध बालू जब्त
लवकुशनगर क्षेत्र के देवीखेड़ा और हंसपुरा में भी उर्मिल नदी पर लिफ्टर लगाकर रेत निकाली जा रही थी। सूत्रों ने बताया कि देवीखेड़ा में 100 ट्रक से ज्यादा बालू डंप की गई थी तो वहीं हंसपुरा में अशोक मिश्रा के द्वारा 100 से 150 ट्रक बालू डंप की गई थी। टीम जब चंदला पहुंची तो यहां भी लगभग 100 से 150 ट्रक बालू डंप पायी गई। चंदला की यह खदान आनंदेश्वर एग्रो से जुड़े रेत माफिया चला रहे थे तो वहीं लसगरहा में भी 100 से 150 ट्रक रेत जब्त की गई। खनिज विभाग पुलिस और राजस्व की संयुक्त टीमों ने यहां बनाए गए अस्थायी पुल तुड़वाए, दो लिफ्टर को जब्त कर लगभग 50 लाख रूपए की बालू भी जब्त की गई है।
नीलाम होगी जब्त बालू, सरकारी निर्माण कार्यों में लगेगी
चंदला क्षेत्र में उक्त कार्यवाही के दौरान पकड़ी गई लगभग 500 ट्रक बालू को राजस्व विभाग ने जब्त कर लिया है। आने वाले एक सप्ताह में यह बालू या तो समीपवर्ती जिले के ठेकेदार को नीलाम कर दी जाएगी अथवा सरकारी निर्माण कार्यों में 491 रूपए प्रति घनमीटर के हिसाब से विभागों को बेची जाएगी।
जब वैध बालू उपलब्ध नहीं तो कैसे रूकेगा अवैध उत्खनन?
जिले में वैधानिक तौर पर रेत के उत्खनन का कोई ठेका संचालित नहीं हो रहा है। ऐसे में जिले भर के निजी और शासकीय निर्माण कार्यों में बालू उपलब्ध न होने की स्थिति बनी हुई है। बालू के उपलब्ध न होने के कारण निर्माण से जुड़ी करोड़ों रूपए की अर्थव्यवस्था प्रभावित होती है तो वहीं निर्माण श्रमिक भी बेरोजगार हो जाते हैं। सवाल यह है कि जब वैधानिक तौर पर मप्र सरकार छतरपुर जिले में लोगों को बालू उपलब्ध नहीं करा पा रही है तो अधिक लाभ कमाने के लालच में मार्केट की डिमांड को पूरा करने के लिए अवैध उत्खनन कौन रोक सकेगा? लगभग एक माह से मार्केट में बालू के दाम डेढ़ से दो गुने हो चुके हैं। अवैध रूप से बालू का उत्खनन कर रहे लोग बाजार में बालू की पूर्ति के लिए कानून की धज्जियां उड़ा रहे हैं। उधर अवैध बालू के इस कारोबार से न सिर्फ शासन को राजस्व की हानि हो रही है बल्कि निर्माण कार्यों में बालू की मांग रखने वाले आम लोग अधिक दाम चुकाने को मजबूर हैं। सरकार को जल्द से जल्द जिले में वैधानिक तौर पर बालू का प्रबंध शुरू करना होगा तभी अवैध उत्खनन को काफी हद तक रोका जा सकेगा साथ ही लोगों को सही दाम पर बालू उपलब्ध हो सकेगी।

एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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