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अमेठी. आपने अजब-गजब कहानियां और चर्चे खूब सुने और देखे होंगे लेकिन अमेठी में भी एक ऐसा गांव है जहां गांव के लोग टीवी का इस्तेमाल नहीं करते. उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले के ऐंठा गांव के घरों में कोई टेलीविजन का इस्तेमाल नहीं करता है. गांव के ग्राम प्रधान प्रतिनिधि का कहना है कि हमारे धर्म में परिवार के साथ बैठकर टीवी नहीं देखा जाता है इसलिए हमलोग जब से समझते हैं तब से टेलीविजन का इस्तेमाल नहीं करते हैं. ऐसा नहीं है कि इस गांव में मूलभूत सुविधाओं की कमी है. गांव में बिजली, पानी, सड़क समेत अन्य सभी सुविधाएं मौजूद हैं और हर कोई संपन्न भी है लेकिन टेलीविजन घर में ना रखने की परंपरा का पालन सैकड़ों साल पुराने समय से होता चला रहा है.

सदियों से यह परंपरा चली आ रही है और आज तक लोग टीवी का इस्तेमाल ना करें करने की परंपरा को निभा रहे हैं. घर में काम की चीज की अन्य वस्तुएं उपलब्ध है बस अगर गांव के घरों में कुछ नहीं है तो वह टेलीविजन ना होने की दशा में समय बिताने के लिए लोग गांव के आस-पड़ोस की दुकानों पर अखबारों का सहारा लेने के साथ एक दूसरे से बातचीत कर देश दुनिया का हाल जान लेते हैं. दरअसल ये अजब-गजब मामला अमेठी के गौरीगंज तहसील क्षेत्र के आने वाले गांव ऐंठा का है जहां गांव में करीब 200 घरों की आबादी है लेकिन किसी भी घर में लोग टेलिविजन नहीं रखते हैं.

बच्चों के पढ़ने के लिए गांव में ही दो सरकारी विद्यालय हैं साथ ही मजहब तमिल के लिए एक मदरसा भी संचालित है. यहां बच्चों को उर्दू के साथ हिंदी भी पढ़ाई जाती है. गांव में विकासकार्यों की सुविधाओं की बात करें तो बिजली पानी सड़क सहित मूलभूत सुविधाओं से गांव पूरी तरीके से परिपूर्ण है लेकिन गांव में टेलीविजन आज भी लोग इस्तेमाल नहीं करते. शादी विवाह में भी लोग टेलीविजन नहीं देते खास बात तो यह है कि गांव के कई लोग विदेशों में रहकर अच्छे खासे पैसे भी कमा रहे हैं लेकिन आज भी गांव के लोगों ने पुश्तैनी परंपरा को समझाते हुए गांव के अंदर टेलीविजन पर पाबंदी है.

आपके शहर से (अमेठी)

उत्तर प्रदेश

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ऐंठा गांव के ग्रामीण रिजवान अहमद बताते हैं कि गांव में टीवी देखने की परंपरा नहीं है गांव में करीब 125 घर हैं किसी घर में टीवी नहीं है रिजवान बताते हैं कि हम लोगों के धर्म में टीवी देखना गुनाह माना जाता है यह परंपरा पुश्तैनी है और आगे भी इस परंपरा को निभाया जाएगा. गांव के अन्य ग्रामीणों ने कहा कि हम लोगों को समाचार जानने के लिए समाचार पत्रों या फिर मोबाइल के जरिए देश और दुनिया का हालचाल जान लेते हैं लेकिन घर की महिलाओं को इन सब चीजों से दूर रखा जाता है इसलिए हम अपने घरों में टेलीविजन नहीं लगाएं.

ऐंठा गांव के प्रधान प्रतिनिधि मोहम्मद शमीम ने बताया कि गांव में कई वर्षों से टीवी का इस्तेमाल नहीं किया जाता, इसकी वजह है की टीवी में दिखाए गए कार्यक्रम हमारे धर्म और मजहब के खिलाफ होते हैं बच्चे गलत संगत में ना जाएं साथ ही उनके जीवन पर कोई दुष्प्रभाव ना पड़े टीवी न रखने का सबसे बड़ा मुख्य कारण यही है इसके साथ ही हमारे धर्म में भी टीवी रखने की इजाजत नहीं दी जाती और हम लोग इस परंपरा को सदियों से निभा रहे हैं.

Tags: Ajab Gajab, Ajab Gajab news


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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