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Lakhimpur violence case supreme court says only accused representatives of the victims lawyers will be present on hearing

नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि लखीमपुर खीरी हिंसा मामले की निचली अदालत में सुनवाई के दौरान आरोपियों, पीड़ितों के प्रतिनिधियों और वकीलों के अलावा कोई भी मौजूद नहीं रहेगा. इस मामले के आरोपियों में केंद्रीय मंत्री अजय कुमार मिश्रा का बेटा आशीष भी शामिल है. शीर्ष अदालत का आदेश उस वक्त आया जब पीड़ितों के वकील ने दावा किया कि निचली अदालत में सुनवाई के दौरान आशीष मिश्रा के समर्थक बड़ी संख्या में मौजूद रहते हैं.

वकील का कहना था कि समर्थकों की वजह से इस वजह से सुनवाई के दौरान ‘‘भय का माहौल’’ बनता है, लेकिन बचाव पक्ष के वकील ने इस आरोप को खारिज किया और दावा किया कि पीड़ितों की ओर से ज्यादा लोग अदालत में आते हैं. इसके साथ ही उन्होंने बंद कमरे में सुनवाई की सलाह दी.

सुप्रीम कोर्ट ने दिया बड़ा आदेश

न्यायालय ने कहा कि वह उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी स्थित सत्र अदालत में सुचारू सुनवाई के लिए यह आदेश पारित कर रहा है. न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जेके माहेश्वरी की पीठ ने कहा कि निचली अदालत में सुचारू सुनवाई सुनिश्चित करने के लिए हम निर्देश देते हैं कि दोनों प्राथमिकियों के आरोपियों के अलावा प्रत्येक आरोपी या शिकायतकर्ता के एक-एक प्रतिनिधि और उनके संबंधित वकील ही मौजूद रहेंगे.

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पीठ ने लखीमपुर खीरी के प्रथम अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश की ओर से 7 फरवरी को भेजे गए पत्र पर भी विचार किया और कहा कि हम पीठासीन अधिकारी की सराहना करते हैं कि उन्होंने तलब किए गए गवाहों की अदालत में मौजूदगी को लेकर त्वरित और आवश्यक कार्रवाई की. शीर्ष अदालत ने मामले की सुनवाई के लिए 14 मार्च की तारीख मुकर्रर की है.

Tags: Lakhimpur Kheri case, Supreme Court, UP news


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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