दृष्टिबाधित आयुषी पहले बनीं टीचर, फिर पांच साल मेहनत के बाद IAS, यूपीएससी में थी 48वीं रैंक

Success Story Ayushi Dabas: ठान लिया जाए तो किसी भी तरह की बाधा को पार करके कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है. इसे साबित किया है दिल्ली के रानीखेड़ा की रहने वाली आयुषी डाबस ने. जन्म से दृष्टिबाधित आयुषी ने कभी भी खुद को किसी सामान्य व्यक्ति से कम नहीं समझा. उनका सपना आईएएस बनने का था. जिसे उन्होंने लंबे संघर्ष के बाद आखिरकार हासिल कर ही लिया. आयुषी की यह स्टोरी काफी इंस्पायरिंग है.
आयुषी डबास ने स्कूलिंग अपने गृहनगर से ही पूरी करने के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी के श्यामा प्रसाद मुखर्जी कॉलेज से ग्रेजुएशन किया. इसके बाद उन्होंने इग्नू से इतिहास में पोस्ट ग्रेजुएशन किया. पोस्ट ग्रेजुएशन के बाद उन्होंने अपने करियर की शुरुआत एक टीचर के तौर पर की. लेकिन दृष्टिबाधित होने के चलते उन्हें बच्चों को पढ़ाने में मुश्किलें आती थी. इसके बाद आयुषी ने यूपीएसससी की तैयारी शुरू कर दी.
पांचवें प्रयास में मिली कामयाबी
आयुषी साल 2019 में डीएसएसएसबी की परीक्षा पास करके इतिहास की टीचर बनी थीं. इसके बाद उन्होंने यूपीएससी की तैयारी शुरू की. यह सफर भी उनके लिए आसान नहीं था. उन्हें एक के बाद एक लगातार असफलता हाथ लगी. लेकिन आखिरकार उन्होंने पांचवें प्रयास में यूपीएससी क्रैक करने में कामयाबी पाई. आयुषी ने साल 2021 में यूपीएससी सिविल सर्विस एग्जाम ऑल इंडिया 48वीं रैंक के साथ क्रैक किया.
मां थीं नर्सिंग ऑफिसर
आयुषी के पिता एक निजी कंपनी में काम करते हैं. जबकि मां एक सीनियर नर्सिंग ऑफिसर हुआ करती थीं. वह साल 2020 में रिटायर हो गई थीं. आयुषी के अनुसार उन्हें उनके पापा और मम्मी का हमेशा सहयोग मिला. उनकी मम्मी ने बेटी पर हमेशा भरोसा जताया. आखिरकार बेटी ने भी गर्व करने का मौाक दिया.
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Tags: Success Story, UPSC Exams, Womens Success Story
FIRST PUBLISHED : September 17, 2023, 18:07 IST
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