अजब गजब

खीरे की खेती इस किसान को किया मालामाल, कुछ ही महीनों में कमाएं 7.20 लाख रुपये!

नई दिल्ली. बिजनेस शुरू कर छोटी रकम के जरिए लाखों कमाने (How to start business) की तो सब सोचते हैं. लेकिन चुनिंदा लोग ही इस सपने को पूरा कर पाते हैं. आज हम आपको ऐसे ही एक किसान के बारे में बता रहे हैं जो खीरे की खेती (Cucumber Farming Profit) के जरिए लाखों कमा रहा हैं. न्यूज़18 अन्नदाता की टीम हरियाणा के करनाल जिले के गांव मंचुरी में एक किसान से मिलने पहुंची. उनकी मुलाकात वहां प्रगतिशील किसान सुरजीत सिंह से हुई. जो आधुनिक तकनीक से शेडनेट हाउस में खीरा और शिमला मिर्च की खेती कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि शेडनेट हाउस में खेती करने के कई फायदे हैं. जिसमें एक तो आप बे-मौसमी सब्जियों की खेती कर सकते हैं. साथ ही, इससे कीट-रोगों का कम प्रकोप होता है और ऐसी फसल से कम एरिया से अच्छी क्वालिटी की अधिक उपज प्राप्त कर सकते हैं.

लाखों की कमाई करने वाले सुरजीत सिंह- न्यूज18 के साथ खास बातचीत में सुरजीत बताते हैं कि एक साल में उन्होंने 300 क्विंटल खीरे का उत्पादन किया. उन्हें बाजार में औसतन मूल्य 24 रुपए प्रति किलोग्राम मिला. इस तरह उनकी कुल आमदनी 7 लाख 20 हजार रुपये हुई. जबकि इस उगाने पर उनका खर्च करीब 2.5 लाख रुपये आया. इस लिहाज से उन्हें 4.70 लाख रुपये का शुद्ध मुनाफा हुआ.

सुरजीत बताते हैं कि बहुत सारी खूबियों को देखते हुए उन्होंने साल 2013 में 2 एकड़ पर नेट हाउस फार्मिंग की शुरुआत की थी. वहीं, अब 10 एकड़ पर नेट हाउस फार्मिंग कर रहे हैं.

उन्होंने शेडनेट हाउस में 25 सितम्बर 2019 को खीरे की रोपाई की. जिसमें कतार से कतार 30 सेन्टीमीटर और पौध से पौध की दूरी 45 सेन्टीमीटर रखी. वहीं, पानी की बचत और पोषक तत्वों के उचित प्रयोग के लिये इन्होंने ड्रिप प्रणाली अपनाई है.

फसल से अच्छी उपज लेने के लिए संतुलित पोषक तत्वों का प्रयोग बहुत जरुरी है.इसलिए सुरजीत सिंह फसल में 19:19:19 उर्वरक 3 किलोग्राम, 12:61:00 उर्वरक 3 किलोग्राम, 13:00:45 उर्वरक 2 किलोग्राम, कैल्शियम नाइट्रेट 4 किलोग्राम, मैग्नीशियम सल्फेट 3 किलोग्राम, 00:00:50 उर्वरक 3 किलोग्राम, सप्ताह में 1 बार डालते हैं.

फसल में सप्ताह में दो से तीन बार सिंचाई करते हैं. अब इनकी फसल की तुड़ाई हो रही है. यह सुबह जल्दी मजदूरों द्वारा खीरे की तुड़ाई करते हैं. तुड़ाई करने के बाद खीरे को पैकिंग हाउस में लाते हैं और वहां खीरे की ग्रेडिंग की जाती हैं. इसके बाद खीरे को बैगों में भरकर बाजार के लिए भेजते हैं.

अनुग्रह तिवारी, अन्नदाता, न्यूज18इंडिया

Tags: Business news in hindi, Farmers Protest, Farming, Landless farmer


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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