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देश में एक साथ चुनाव कराने की याचिका दिल्ली HC से खारिज, चुनाव आयोग ने दिया यह जवाब

हाइलाइट्स

देश में एक साथ चुनाव कराने की याचिका दिल्ली हाई कोर्ट से खारिज
चुनाव आयोग के वकील ने कहा कि इस मामले को देखना संसद का काम

नई दिल्ली: 2024 में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने के लिए केंद्र सरकार और चुनाव आयोग को निर्देश देने की मांग वाली याचिका को दिल्ली हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया है. भारत के चुनाव आयोग (ECI) ने सोमवार को कहा कि देश में एक साथ चुनाव कराने के लिए संविधान और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम (आरपीआई) में संशोधन पर विचार करना संसद का काम है. ये दलीलें दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) में एक जनहित याचिका (पीआईएल) की सुनवाई के दौरान आई हैं, जिसमें ईसीआई को चुनाव के दौरान होने वाले फिजूल खर्च बचाने के लिए लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने की मांग की गई थी.

ईसीआई के वकील सिद्धांत कुमार ने कहा कि इस मामले को देखना संसद का काम है. देश में एक साथ चुनाव कराने के लिए संविधान और आरपीआई में संशोधन पर विचार करना संसद का काम है. एडवोकेट सिद्धांत कुमार ने शनिवार, रविवार और छुट्टियों के दिन चुनाव कराने के लिए ईसीआई को निर्देश देने की याचिकाकर्ता पर भी आपत्ति जताई और उन्होंने कहा, “सुप्रीम कोर्ट की एक संविधान पीठ ने पहले ही माना है कि चुनाव का कार्यक्रम ईसीआई के विवेकाधिकार पर है. दिल्ली उच्च न्यायालय ने आज चुनाव आयोग (ईसी) से एक याचिकाकर्ता द्वारा किए गए प्रतिनिधित्व पर गौर करने को कहा.” सतीश चंद्र शर्मा और  सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने आज कहा, “हम अपनी सीमा जानते हैं, याचिका में जताई गई प्रार्थना पूरी तरह से चुनाव आयोग के दायरे में आती है. हम विधायक नहीं हैं.” 

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता अश्विनी कुमार उपाध्याय ने अदालत का फैसला सुनाते हुए कहा कि विधानसभा, विधानसभा, पंचायत और नगर निगम चुनाव एक साथ जारी के कई फायदे हैं. उपाध्याय ने कहा कि यह अर्धसैनिक बल, चुनाव कर्तव्य पर सरकारी कर्मचारी और चुनाव आयोग के कर्मचारियों को प्रस्तुत, इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग पेपर और मतदाता पर्ची आदि का उपयोग करने के मामले में चुनाव में लोड करने वाले समय और लागत को कम करेंगे.

याचिका में कहा गया है कि लोकसभा, विधानसभाओं, पंचायतों और नगर निकायों के एक साथ चुनाव कराने की जरूरत पर लंबे समय से चर्चा और बहस होती रही है. चूंकि चुनाव एक बड़ा बजट मामला और खर्चीला हो गया है. सभी चुनाव एक साथ कराने के फैसले से पैसे की बचत होगी क्योंकि पार्टियों के लिए प्रचार की लागत कम होगी. भारत के विधि आयोग ने चुनावी कानूनों में सुधार (1999) पर अपनी 170वीं रिपोर्ट में शासन में स्थिरता के लिए लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के एक साथ चुनाव कराने का सुझाव दिया है. याचिका में अदालत से स्कूलों, कॉलेजों, विश्वविद्यालयों, सेवा उद्योगों और विनिर्माण संगठनों के मूल्यवान समय को बचाने के लिए शनिवार, रविवार और छुट्टियों के दिन चुनाव कराने के लिए केंद्र और चुनाव आयोग को निर्देश देने की मांग की गई है.

Tags: DELHI HIGH COURT, ECI


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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