Pre-election arms seizure campaign | मुरैना SP ने की जंग लगे औजार व कट्टों की नुमाइश

मुरैनाएक घंटा पहले
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विधानसभा चुनाव के मद्देनजर मुरैना पुलिस अभियान चलाकर हथियारों की धरपकड़ कर रही है। इसी क्रम में सरायछोला थाना पुलिस ने एक कट्टा बनाने की फैक्ट्री को पकड़ा है। मौके से पुलिस ने कट्टा बनाने के औजार व दर्जन भर कट्टे पकड़े हैं। पुलिस ने फैक्ट्री संचालक सहित एक अन्य व्यक्ति को भी गिरफ्तार किया है। सबसे खास बात यह है कि जो औजार पुलिस ने दिखाए हैं उनमें जंग लगी है तथा प्रथम द्रष्टया प्रतीत होता है कि उनका लंबे समय से उपयोग नहीं किया गया है। उसी प्रकार जो कट्टे बरामद किए हैं उनमें से कई कट्टे जंग लगे व अत्यधिक पुराने हैं।
मीडिया के सामने कट्टा फैक्ट्री की ब्रीफिंग करते हुए एसपी शेलेन्द्र सिंह चौहान ने बताया कि सरायछोला थाना पुलिस को खबर लगी कि एक व्यक्ति काले कपड़े पहने हुए है तथा उसके हाथ में एक झोला है। पुलिस मौके पर पहुंची और उसे झोला सहित गिरफ्तार कर लिया। झोले में से एक कट्टा बरामद हुआ। उस व्यक्ति का नाम सुंदर कुशवाह है। पुलिस ने जब कड़ाई से पूछताछ की तो उसने बताया कि वह कट्टा बनाता है तथा उसके पास कट्टे बनाने की फैक्ट्री है। पुलिस ने उसके गांव जाकर जब घर की तलाशी ली तो कट्टा बनाने के औजार व 12 कट्टे बरामद किए हैं। पुलिस ने उसके एक अन्य साथी वीरेन्द्र बघेल, निवासी पलपुरा, मुंशी का पुरा को भी गिरफ्तार कर लिया है।

कलावा बंधा कट्टा, जिसके हत्थे पर कलावा बंधा है तथा बहुत पुराना है
कलावा बंधे कट्टे ने खोली पोल
पुलिस ने मीडिया के सामने जो कट्टे प्रदर्शित किए थे, उनमें एक कट्टे के हत्थे में कलावा बंधा था। आमतौर पर कलावा कट्टे पर वही अपराधी बांधते हैं जो धर्म में अस्था रखते हैं तथा कट्टे पर कलावा बांधने के पीछे उनकी मंशा हमेशा सफल होने की होती है। वहीं दूसरी तरफ कट्टा बेचने वाला कट्टे पर कलावा बांध कर नहीं बेचता है। यह बात सभी जानते हैं। मीडिया के सामने कट्टे रखते समय पुलिस कर्मियों ने इस बात पर ध्यान नहीं दिया वहीं पुलिस की इस नुमाइश में कलावा बंधे कट्टे ने बहुत कुछ हकीकत उजागर कर दी।

पुराना जंग लगा कट्टा
पुलिस अधीक्षक बोले कुछ समय पहले ही शुरु की फैक्ट्री
पुलिस अधीक्षक ने मीडिया को एक सवाल के जवाब में बताया कि यह फैक्ट्री कुछ समय पहले ही शुरु की गई है जबकि जो औजार बरामद किए गए हैं वह बहुत पुराने हैं तथा उनमें जंग लगी है, कई कट्टे भी पुराने तथा जंग लगे हैं। ऐसे में यह कैसे संभव है कि कुछ दिन पहले ही शुरु की गई फैक्ट्री के कट्टो में जंग लग जाए अौर औजारों में वर्षों से लगी जंग दिखाई दे।

पुराने जंग लगे औजार


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