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अज़ीम प्रेमजी के बेटे बनेंगे विप्रो प्रमुख, जानें कौन हैं क्रिकेट और बॉलीवुड फैन रिशाद

देश के जाने-माने उद्योग घराने विप्रो में शीर्ष स्तर पर बदलाव हो रहा है. विप्रो के प्रमुख अज़ीम प्रेमजी अपने रिटायरमेंट की घोषणा पहले ही कर चुके थे और अब बुधवार यानी 31 जुलाई को उनकी जगह उनके बेटे रिशाद प्रेमजी लेने वाले हैं. खबरों की मानें तो बुधवार को अज़ीम प्रेमजी समूह प्रमुख का चार्ज 42 वर्षीय रिशाद को सौंपेंगे. रिशाद फ़िलहाल विप्रो के बोर्ड के सदस्य और मुख्य स्ट्रैटजी अधिकारी के तौर पर कार्यरत रहे हैं, अब वो अपने पिता की विरासत और कुर्सी संभालने जा रहे हैं.

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अज़ीम प्रेमजी ने कुछ समय पहले जब अपने रिटायरमेंट की घोषणा की थी, तो यह स्पष्ट ऐलान किया था​ कि रिशाद ही उनके उत्तराधिकारी होंगे. प्रेमजी ने कहा था कि विप्रो को कामयाबी के नए आयामों तक पहुंचाने के लिए जिस नए विचार, अनुभव और प्रतिस्पर्धात्मक नज़रिए की ज़रूरत है, वह रिशाद के पास है. विप्रो की कमान संभालने जा रहे रिशाद प्रेमजी के बारे में आप कितना जानते हैं? यहां पढ़ें रिशाद के बारे में तमाम ज़रूरी बातें.

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शिक्षा और विप्रो तक आने का सफर
– रिशाद ने वेसलेयन यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र में ग्रैजुएशन करने के बाद हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से एमबीए की डिग्री हासिल की.
– रिशाद ने दो साल तक बेन एंड कंपनी में काम करते हुए कंज़्यूमर प्रॉडक्ट्स, आटोमोबाइल, टेलीकॉम और इंश्योरेंस सेक्टर में सेवाएं दीं. उसके बाद चार सालों तक रिशाद ने अमेरिका में कई बिज़नेस क्षेत्रों में काम करने वाली जीई कैपिटल के साथ काम किया.
– साल 2007 में रिशाद ने विप्रो को बतौर बिज़नेस मैनेजर जॉइन किया था और तब उन्होंने कंपनी के बैंकिंग और फाइनेंस सर्विस विभाग में काम किया.

फेसबुक पर रिशाद प्रेमजी की तस्वीर.

विप्रो में कई इंटरव्यू देकर मिला था जॉब
– व्रिपो में पहली बार जॉब के लिए रिशाद प्रेमजी को कई कठिन इंटरव्यू देना पड़े थे. एक बार उन्होंने कहा भी था कि विप्रो के को-सीईओ गिरीश परांजपे हुआ करते थे और जब वह लंदन में थे तब उन्होंने भी उनका इंटरव्यू लिया था. इस पूरी प्रक्रिया के बाद रिशाद को विप्रो में जॉब मिला था. एक इंटरव्यू में रिशाद ने कहा था कि वह नया जॉब तलाश रहे थे इसलिए विप्रो में आने की उनकी चाहत थी.
– तीन साल विप्रो में काम करने के बाद 2010 में रिशाद को मुख्य स्ट्रैटजी अधिकारी की पोस्ट दी गई थी.

स्टार्टअप फंड के पीछे रहे रिशाद
– विप्रो वेंचर नाम से वेंचर कैपिटल फंड की स्थापना के पीछे जो शख्स रहा, वो रिशाद ही थे. इस वेंचर के ज़रिए 10 करोड़ डॉलर का फंड स्थापित किया जो तकनीक विकास से जुड़े स्टार्टअप में निवेश करने वाली कंपनी है.
– विप्रो इंटरप्राइज़ेस लिमिटेड, विप्रो-जीई और अज़ीम प्रेमजी फाउंडेशन के बोर्ड में रिशाद शामिल हैं.
– बेहतरीन नेतृत्व, प्रोफेशनल निपुणता और समाज के प्रति प्रतिबद्धता के लिए वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम ने 2014 में रिशाद को यंग ग्लोबल लीडर के तौर पर सम्मानित किया था.

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अपनी पत्नी अदिति के साथ रिशाद.

निजी जीवन में रिशाद
– रिशाद ने अपने बचपन की दोस्त अदिति के संग 2005 में शादी की थी. बचपन की दोस्ती को युवावस्था में प्यार में बदलने में ज़्यादा समय नहीं लगा इसलिए अफेयर की उम्र कम रही. अदिति होममेकर हैं और रिशाद और अदिति एक बेटी रिया और एक बेटे रोहन के अभिभावक हैं.
– रिशाद रिषद क्रिकेट के बहुत बड़े फैन हैं और इसके साथ ही हिंदी फिल्में देखने और घूमने के शौकीन हैं.
– रिशाद को पसंद नहीं है कि कंपनी में कोई उन्हें मिस्टर प्रेमजी कहे, वो अपना नाम रिशाद सुनना पसंद करते हैं. रिशाद ने एक बार ये भी बताया था कि वो अपने पिता को औपचारिक जगहों पर मिस्टर प्रेमजी नहीं बल्कि एएचपी कहते थे, लेकिन निजी जगहों या पलों में नहीं. दूसरी ओर, रिशाद के बड़े भाई तारिक अज़ीम प्रेमजी फाउंडेशन से जुड़े हैं.
– एक इंटरव्यू में रिशाद ने ये भी कहा था कि वो अपनी ज़िंदगी अपनी शर्तों पर जीते हैं और किसी को इजाज़त नहीं देते कि कोई दखल या असर पैदा करे. वह खुद को रिज़र्व कहते हैं लेकिन शर्मीला नहीं. रिशाद अपने पिता को ही अपना रोल मॉडल मानते हैं.

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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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