अजब गजब

जिस काम के लिए मां-बाप ने भी दिए ताने, आज उसी से छप्परफाड़ कमाई कर रहीं नीता, सरकार भी है ग्राहक

रांची. कई बार लोग माता-पिता या फिर समाज के प्रेशर के कारण अपना शौक या पैशन समय के साथ छोड़ देते हैं और कमाने के दूसरे रास्ते चुनते हैं, लेकिन कुछ लोग ऐसे होते हैं जो अपने दिल की सुनते हैं और अपने पैशन को ही फॉलो कर नाम कमाते हैं. ऐसा ही एक नाम है झारखंड की राजधानी रांची की रहने वाली नीता सिंह. जिन्होंने अपने प्लांटेशन के शौक को कभी मरने नहीं दिया और 60 साल की उम्र में भी घर बैठे अच्छा खासा कमाई कर रही हैं.

नीता बताती हैं कि बचपन से ही जहां गमला और छोटे-मोटे पौधे दिखते बस मैं शुरू हो जाती. खुरपी लेकर खोदना, पेड़ों को छटना, उसे और सुंदर बनाना. माता-पिता हमेशा कहते थे कि यह सब क्या करती हो, पढ़ाई लिखाई पर ध्यान दिया करो, बहुत डांट सुनती थी, लेकिन मैं क्या करूं मुझे यही करना बेहद पसंद था, मुझे यह काम करने में आनंद आता था.

पैशन को ही बनाया बिजनेस
नीता बताती हैं कि आगे चलकर मैंने इसी को अपना बिजनेस भी बना लिया. मुझे लगा जो काम करने में इतना मजा आ रहा है मैं इसे जितने भी घंटे करूं मुझे लगता ही नहीं कि मैंने कोई काम किया. ऐसे में कस्टमाइज पौधे बनाने का काम शुरू किया. इसका मतलब यह कि छोटे गमले में इंडोर प्लांट लगा होता है, जिसमें पानी आपको केवल दो-तीन दिन में एकदम थोड़ा डालना होता है.

लोग इसे शोपीस के तौर पर इस्तेमाल करते हैं. वहीं, इस प्लांट के साथ-साथ गौतम बुद्ध, राधा कृष्ण या फिर जैसा आप चाहेंगे वैसा हम कस्टमाइज कर देते हैं या फिर अगर आपको किसी को खास तोहफा देना है या दिल की बात बोलनी है, तो फिर आप प्लांट के जरिए कस्टमाइज करके दे सकते हैं. खासकर प्रकृति प्रेमी इसे खूब पसंद करते हैं.

4000 से अधिक वैरायटी के कस्टमाइज पॉट बना डालें
उन्होंने बताया कि अब तक 4000 से शायद अधिक ही कस्टमाइज पौधे बना डाले हैं, क्योंकि आए दिन कोई न कोई आर्डर आते रहते हैं. मैं पहले से बनाकर नहीं रखती. हर लोगों की अपनी एक अलग पसंद होती है, तो मैं उन्हें 1 से 2 घंटे के अंदर बनाकर डिलीवर कर देती हूं. हमें गवर्नमेंट से भी खास तौर पर आर्डर आते हैं. जब कोई खास कार्यक्रम होता है तो गवर्नमेंट हमें 500 -1000 पौधे आर्डर करती है. इससे उनकी अच्छी खासी कमाई हो जाती है.

हमारे पास खासतौर पर गौतम बुद्ध कस्टमाइज पौधे के कई ऑर्डर्स आते हैं. यही कारण है यहां पर यह ज्यादा देखने को मिलेगा. कस्टमाइज्ड करते समय कलरफुल स्टोन और खासकर चारकोल का इस्तेमाल किया जाता है. चारकोल जो प्लांट का गैस होता है उसको ऑब्जर्व करने का काम करता है. वैलेंटाइन डे पर तो लोग आई लव यू जैसे कस्टमाइज पौधे की डिमांड करते हैं.

Tags: Jharkhand news, Latest hindi news, Local18, Ranchi news, Success Story


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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