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गैस स्टोव होते हैं खतरनाक? अमेरिका में बैन लगाने की तैयारी, जानें क्या कहता है विज्ञान

हाइलाइट्स

एक स्टडी में पाया गया कि गैस स्चोव बंद होने पर ज्यादा मिथेन गैस का रिसाव करता है.
अमेरिकी सरकार गैस चूल्हा पर बैन लगाने को लेकर जल्द फैसला ले सकती है.

नई दिल्ली. गैस स्टोव को लेकर एक बार फिर से चर्चा शुरू हो गई है. गैस स्टोव को लेकर विज्ञान पूरी तरह से स्पष्ट है कि यह आपके घर के अंदर स्थित वायु प्रदूषण का प्रमुख सोर्स है. गैस स्टोव के चलते प्रदूषण, अस्थमा सहित अन्य स्वास्थ्य समस्याओं की शिकायत हो सकती है. गैस स्टोव चालू होने के साथ-साथ बंद होने पर भी पर्यावरण को प्रदूषित करता है. ऐसा कहा जाता है कि गाड़ियों से निकलने वाले गैस स्टोव के मुकाबले अधिक प्रदूषण करते हैं. अमेरिका में गैस स्टोव पर बैन लगाने की चर्चा जारी है.

गैस स्टोव से हो सकती हैं ये समस्याएं
बता दें कि इलेक्ट्रिक चूल्हे के मुकाबले गैस चूल्हे पर खाना बनाने से वातावरण में ढाई गुना ज्यादा पार्टिकुलेट मैटर पैदा होते हैं. इसके चलते जहरीली गैस इंसानों को सांस संबंधी समस्याओं के अलावा दिल संबंधित बीमारी और कैंसर की भी समस्या हो सकती है. ब्लूमबर्ग से बात करते हुए गैर-लाभकारी अनुसंधान संस्थान PSE हेल्दी एनर्जी के वरिष्ठ वैज्ञानिक ड्रू मिचानोविक्ज ने कहा, ‘गैस स्टोव घरों में वायु प्रदूषण के सोर्स के तौर पर अधिक संख्या में मौजूद हैं.’

गैस स्टोव की तरफ आकर्षित होते हैं लोग
हाल ही में अमेरिका की एक संस्था ने प्रस्ताव जारी किया था कि जल्द ही अमेरिका में गैस स्टोव पर बैन लगाया जाएगा. क्योंकि ये वायु प्रदूषण का प्रमुख कारण है. अमेरिका में बच्चों में हो रही अस्थमा की शिकायत का प्रमुख कारण गैस स्टोव है. बोस्टन यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर जोनाथन लेवी ने कहा, प्रचार-प्रसार के जरिये गैस स्टोव को ज्यादा लोकप्रियता मिली है. गैस स्टोव बनाने वाली कंपनियां इसे प्राकृतिक उत्पाद की तरह पेश के बेचती हैं. साथ ही टेलीविजन, अखबार से लेकर सोशल मीडिया तक पर गैस स्टोव का जमकर लुभावना प्रचार किया जाता है ताकि आम लोग इसकी तरफ आकर्षित हों और गैस स्टोव खीरदें.’

गैस स्टोव से निकलती है मिथेन गैस
इसके अलावा उन्होंने कहा कि हमें आउटडोर प्रदूषण के साथ-साथ लोगों को इनडोर प्रदूषण के बारे में बी जागरूक करना होगा. गैस स्टोव से होने वाले प्रदूषण का एक रूप मीथेन है, जो प्राकृतिक गैस का मुख्य तत्व है. हालांकि मीथेन मानव स्वास्थ्य के लिए सीधा खतरा पैदा नहीं करता है. Enviromental science and technology journal में प्रकाशित 2022 के एक अध्ययन के अनुसार, जब शोधकर्ताओं ने पूरे कैलिफोर्निया में 53 स्टोव पर स्टडी की तो पता चला कि उनमें से एक को छोड़कर सभी के अंदर से मिथेन गैस का रिसाव हो रहा था.

जोनाथन लेवी ने कहा, ‘मुझे लगता है कि बहुत से लोग, जब वे प्रदूषण के बारे में सोचते हैं तो वे तुरंत बड़ी औद्योगिक सुविधाओं या प्रमुख राजमार्गों या बिजली प्लांटों के बारे में सोचते हैं.” इसके अलावा उन्होंने कहा, ‘बहुत कम लोग सोचते हैं कि प्रदूषण का सोर्स क्या हमारा घर या ऑफिस भी हो सकता है, जहां हम अपने दिन का सबसे अधिक समय बिताते हैं.’ हाल ही में अमेरिकी उपभोक्ता उत्पाद सुरक्षा (सीपीएससी) ने कहा था कि खाना बनाने के लिए इस्तेमाल किये जाने वाले गैस चूल्हे से प्रदूषण होता है.

Tags: America, Health News


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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