The collector froze the bank accounts of 19 farmers | कलेक्टर ने लगाई 19 किसानों के बैंक खातों पर रोक: घोटालेबाजों का कच्चा चिट्ठा लेकर एक आरोपी प्रशासन के पास पहुंचा – Satna News

गेहूं उपार्जन के बीच हुए 93 लाख रुपए के गेहूं घोटाले से सतना में हड़कंप मचा हुआ है। इस मामले में 6 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने और डीएम नान के निलंबित होने के बाद अब सतना कलेक्टर ने 19 किसानों के बैंक खातों पर रोक लगा दी है। उधर,एक आरोपी घोटालेबाजो
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सतना कलेक्टर अनुराग वर्मा ने सतना में जायतमाल बाबा स्व सहायता समूह के कारीगोही खरीदी केंद्र में हुए 93 लाख रुपए के गेहूं घोटाले के मामले में उपार्जन समिति की बैठक लेकर किसानों के बैंक खाते प्रतिबंधित करने के निर्देश दे दिए हैं।
कलेक्टर अनुराग वर्मा ने कहा है कि जिन 19 किसानों के नाम फर्जी तरीके से दर्ज कर भुगतान किए जाने का मामला सामने आया है। उनके बैंक खाते सीज कर दिए जाएं। इन खातों से अगर किसी अन्य खाते में रकम ट्रांसफर की गई है। उन खातों का भी पता लगा कर उन्हें भी होल्ड कराया जाए। हालांकि अभी उन खातों के मामले में प्रशासन का कोई एक्शन प्लान सामने नहीं आया। जिनसे राशि का नकद आहरण किया जा चुका है।
जिसे जिम्मा वही निलंबित
कलेक्टर ने बैंक खातों का पता लगाने की जिम्मेदारी डीएम नान अमित गौड़ को सौंपी थी। हालांकि, राज्य शासन ने गौड़ को ही निलंबित कर दिया। इस मामले में डीएम नान अमित गौड़ और उनके स्टाफ के अलावा उनके नजदीकी माने जाने वाले राजा राजपूत और प्रांजल नाम के व्यक्ति भी सुर्खियों में रहे हैं।
काला चिट्ठा लेकर प्रशासन के पास पहुंचा एक आरोपी
जांच, एफआईआर- निलंबन और बैंक खातों की सीजिंग की चल रही कवायदों के बीच 93 लाख रुपए के इस घोटाले का एक आरोपी शिवा सिंह पटेल अपने साथियों का काला चिट्ठा लेकर प्रशासन के पास पहुंच गया है। जायतमाल स्व सहायता समूह की ऑपरेटर शिवा की भाभी अभिलाषा सिंह ही थी जिनके नाम पर शिवा अनाधिकृत तौर पर न केवल ऑपरेटर का काम कर रहा था बल्कि पूरा केंद्र ही चला रहा था। शिवा ने एडीएम के सामने पूरा खेल खोल कर रख दिया।
शिवा पटेल ने एडीएम के सामने अपने कृत्य भी स्वीकारे और 93 लाख के इस घोटाले के मास्टर माइंड और शामिल रहे अन्य लोगों के नाम और उनकी भूमिका का भी खुलासा किया। उसने 19 किसानों की लिस्ट सौंपी और बताया कि इन्हीं किसानों के नाम पर फर्जी फीडिंग कराई गई है।
इस पूरे खेल में संजय तिवारी नामक शख्स मास्टर माइंड है। उसी ने फर्जी फीडिंग कराई और ऐतराज जताने पर फंसाने की धमकी देकर डीएम नान अमित गौड़,ऑपरेटर नरेंद्र पांडेय तथा धनंजय द्विवेदी से बात कर के फीडिंग के पहले ही टीसी जेनरेट करा कर नान ऑफिस में दे दी। उसने इस पूरे खेल में इस्तेमाल किये गए मोबाइल नंबरों की भी लिस्ट एडीएम को दी और दावा किया कि अगर इन नंबरों की कॉल डिटेल निकलवाई जाए,साइबर जांच कराई जाए तथा ऑनलाइन पेमेंट का डिटेल चेक कराया जाए तो बहुत कुछ निकल कर सामने आ सकता है।
शिवा पटेल ने जयतमाल बाबा स्व सहायता समूह की सदस्य महिलाओं को बचाने की कोशिश करते हुए कहा कि उसने महिलाओं को धोखे में रख कर समूह बनाया। संजय तिवारी ने साढ़े तीन लाख रुपए वसूल कर उपार्जन केंद्र बनवाया। शिवा ने ये भी स्वीकार किया कि केंद्र का संचालन वह ही करता था।
कौन है संजय तिवारी
गेहूं उपार्जन के चालू सीजन के शुरुआती दौर में ही संजय तिवारी का नाम सुर्खियों में आया था। नान ऑफिस और खाद्य विभाग में बिचौलिए के तौर पर काम करने वाले संजय तिवारी की चर्चा सोशल मीडिया में भी खूब हुई। उसे कई केंद्रों में तब के डीएसओ के साथ तस्वीरों में देखा भी गया।
संजय तिवारी सिद्ध गणेश स्व सहायता समूह का संचालन करता है। उसका साढू भाई शुभकरण द्विवेदी सेवा सहकारी समिति खुटहा का समिति प्रबन्धक था। उसे फर्जी पंजीयन के मामले में इसी उपार्जन सीजन में पिछले दिनों निलंबित किया गया है।
शिवा पटेल इसी शुभकरण के यहां बतौर ऑपरेटर काम करता था। संजय तिवारी ने इस बार इससे पैसे वसूल कर अपात्र होने के बावजूद नए गठित हुए जयतमाल स्व सहायता समूह को उपार्जन का कार्य दिलाया। इतना ही नहीं संजय तिवारी ने कारीगोही निवासी किसी और संजय तिवारी के नाम को अपना नाम दर्शाते हुए उसके खेतों की उपज का पंजीयन अपने नाम कराया और फिर उसी आधार पर सिकमी पंजीयन भी करा लिया। बड़ी बात ये कि सिकमी पंजीयन को राजस्व अधिकारियों ने सत्यापित भी कर दिया।
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