Jabalpur:महाधिवक्ता को बनाया जा सकता है पब्लिक प्रॉसिक्यूटर, सरकार की तरफ से पेश किया गया जवाब – Jabalpur: Advocate General Can Be Made Public Prosecutor, Answer Presented By The Government

(सांकेतिक तस्वीर)
– फोटो : सोशल मीडिया
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राज्य सरकार की तरफ से हाईकोर्ट में पेश किए गए हलफनामे में कहा गया है कि पब्लिक प्रॉसिक्यूटर के पद पर महाधिवक्ता को नियुक्त किया जा सकता है। याचिकाकर्ता ने इस संबंध में पक्ष प्रस्तुत करने के लिए समय प्रदान करने का आग्रह किया। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमथ तथा जस्टिस विशाल मिश्रा ने आग्रह को स्वीकार करते हुए अगली सुनवाई 25 जनवरी को निर्धारित की है।
बता दें कि अधारताल निवासी ज्ञानप्रकाश की तरफ से दायर याचिका में आरोप लगाते हुए कहा गया था कि राज्य सरकार द्वारा नियमों की अनदेखी करके डायरेक्टर प्रॉसिक्यूशन के पद पर नियुक्ति नहीं की जा रही, जो अवैधानिक है। पूर्व में राज्य सरकार द्वारा एक आईएएस की नियुक्ति इंचार्ज डायरेक्टर प्रॉसिक्यूशन के पद पर किए जाने को भी याचिकाकर्ता ने कटघरे में रखा था। याचिका में हाईकोर्ट ऑफ मध्य प्रदेश केस फ्लो मैनेजमेंट रूल्स 2006 का हवाला देते हुए कहा गया था कि रिट पिटीशनों की सुनवाई के लिए फास्ट ट्रैक और नॉर्मल ट्रैक बनाए गए हैं। इसी तरह क्रिमिनल मामलों में फांसी की सजा, रेप और दहेज हत्या जैसे मामलों के लिए एक्सप्रेस ट्रैक, जिन मामलों में आरोपी को जमानत नहीं मिली उसके लिए फास्ट ट्रैक, ऐसे संवेदनशील मामले जिनमें कई लोग प्रभावित हो रहे हों उनके लिए रैपिड ट्रैक, विशेष कानून के तहत आने वाले मुकदमों के लिए ब्रिस्क ट्रैक और शेष सभी सामान्य अपराधों के लिए नॉर्मल ट्रैक बनाए गए हैं। याचिकाकर्ता का कहना था कि वर्ष 2006 में बने कानून में तय किए गए ट्रैक्स का पालन नहीं हो रहा। हाईकोर्ट ने मामले को संज्ञान में लेते हुए मामले की सुनवाई के निर्देश दिए थे।
पिछली सुनवाई के दौरान सीबीआई तथा प्रवर्तन निदेशालय की तरफ से पेश किए गए हलफनामे में बताया था कि धारा 46 के तहत विशेष पब्लिक प्रॉसिक्यूटर की नियुक्तियां की गई हैं। सरकार की तरफ से बताया गया था कि धारा 24 के तहत हाईकोर्ट की सहमति से महाधिवक्ता को पब्लिक प्रॉसिक्यूटर नियुक्त किया गया है। संशोधन के बाद लॉ ऑफिसरों को पब्लिक प्रॉसिक्यूटर का दायित्व दिया गया है। युगलपीठ ने सरकार से पूछा था कि किस नियम के तहत महाधिवक्ता को पूर्णकालीन पब्लिक प्रॉस्क्यिूटर नियुक्ति किया है। सरकार की तरफ से विधि विभाग तथा अन्य राज्यों के मैनुअल का हवाला देते हुए उक्त हलफनामा पेश किया गया है। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने अपना पक्ष स्वयं रखा।
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